नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पंचायत व स्थानीय निकाय के चुनाव बगैर ओबीसी आरक्षण के कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने राज्य के इन चुनावों में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण तय करने से इनकार कर दिया है. शीर्ष कोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग से कहा कि वह महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर कोई कदम न उठाए. कोर्ट ने कहा कि पिछड़ेपन पर यह रिपोर्ट बिना उचित अध्ययन के तैयार की गई है. इससे पहले शीर्ष कोर्ट ने 15 दिसंबर 2021 के अपने आदेश में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना आरक्षण की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. साथ ही पीठ ने चुनाव आयोग को एक सप्ताह के भीतर 27 प्रतिशत सीटों को पुनः सामान्य वर्ग से संबंधित घोषित करने के लिए एक नई अधिसूचना जारी करने का भी आदेश दिया था. इससे पहले राज्य सरकार ने कानून में जरूरी संशोधन कर 27 फीसदी आरक्षण लागू करने की अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद जनवरी 2022 में महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 15 दिसंबर का फैसला वापस लेने का आग्रह किया था. राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील शेखर नाफड़े ने राज्य सरकार का पक्ष रखा था. महाराष्ट्र में 2021 में स्थानीय निकाय के चुनाव होने थे. अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण पर रोक के चलते राज्य के निकाय चुनाव स्थगित कर दिए गए थे.
फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार ने की बैठक
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई. इसमें शीर्ष कोर्ट द्वारा राज्य पिछड़ा वर्ग की अंतरिम रिपोर्ट नामंजूर करने के बाद उत्पन्न स्थिति पर विचार किया गया. बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे व वरिष्ठ मंत्री मौजूद रहे.