नागपुर। नाग नदी में आई बाढ़ से करीब 10 हजार घरों का नुकसान हुआ है. घर में पानी घुसने से घरेलू सामान के साथ ही अनाज भी भीग गया है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद कहा कि जिन घरों में कीचड़ जमा हो गया है, उसे हटाने में प्रशासन मदद करेगा. उन्होंने कहा कि नुकसान के संदर्भ में पंचनामा की शुरुआत दोपहर को ही कर दी जाएगी. इसके बाद सहायता दी जाएगी.
शुक्रवार को आधी रात के बाद चार घंटों तक नागपुर शहर में हाहाकार मच गया था. हालांकि बारिश पर ब्रेक लगते ही जो इलाके पानी में डूब गए थे, वहां से पानी निकल गया। हालांकि, घरों, दुकानों और गाड़ियों को नुकसान हुआ है।
बारिश के कारण अंबाझरी परिसर के नागरिकों के घरों में बाढ़ का पानी घुसने से अनाज सहित विभिन्न सामग्री को भारी नुकसान पहुंचा है. रविवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनीस ने इस नुकसान का जायजा लिया. डागा लेआउट, कापोर्रेशन कॉलोनी, शंकरनगर सहित अन्य बस्तियों का दौरा कर उन्होंने नागरिकों से संवाद भी साधा. नागरिकों ने अपना-अपना घर दिखाने की गुहार लगाई. नागरिकों ने उन्हें अपनी व्यथा भी सुनाई.
फडणवीस ने कहा कि, महानगर पालिका ने अब तक 11 हजार फूड पैकेट्स बांटे हैं। जल्द ही फॉगिंग और स्प्रेयिंग शुरू की जाएगी, ताकि मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों को रोका जा सके। लोगों को क्लोरीन वाला पानी भी सप्लाई किया जाएगा।
उपमुख्यमत्री ने कहा कि करीब 10 हजार घरों को नुकसान हुआ है. नुकसान के संबंध में नागरिकों को संपूर्ण मदद दी जाएगी. उन्होंने कहा, अधिक से अधिक मदद देने की कोशिश की जाएगी. नुकसान के संबंध में नागरिकों ने फडणवीस के समक्ष अपनी भावनाएं भी व्यक्त की. नाग नदी में आई बाढ़ और नागरिकों के घरों में पानी घुसने के बारे में उपमुख्यमंत्री ने संपूर्ण जानकारी ली.
फडणवीस ने नागरिकों को बताया कि कुछ घंटों में ही 109 मिलीमीटर पानी बरस गया. इससे बारिश का पानी बहने के लिए नदी का दायरा छोटा पड़ गया और पानी तटबंध तोड़कर घरों में घुस गया. डिप्टी सीएम ने कहा कि इसके बाद ऐसी घटना न होने पाए, इसका ध्यान रखा जाएगा. पानी का प्रवाह कहीं भी नहीं रुक पाएगा. इस दृष्टि से कदम उठाए जाएंगे.
फडणवीस ने बताया कि बाढ़ के पानी के घर में घुसने से सर्वत्र कीचड़ फैल गया है. घर का कीचड़ निकालने के काम को प्राथमिकता दी जा रही है. स्वास्थ्य की दृष्टि से आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. सभी को क्लोरीन की गोलियां भी दी जा रही हैं. जिला प्रशासन व महानगरपालिका को तत्काल कदम उठाने का निर्देश भी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिया.
उपमुख्यमंत्री के साथ दौरे में पूर्व महापौर संदीप जोशी, महानगरपालिका आयुक्त डॉक्टर अभिजीत चौधरी, जिलाधिकारी डॉक्टर विपिन इटनकर और महानगरपालिका के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
उपमुख्यमंत्री ने कल ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ मिलकर नागपुर महानगरपालिका में समीक्षा बैठक की थी. उन्होंने नागपुर के हर बाढ़पीड़ित को 10 हजार रुपये की तत्काल मदद देने की घोषणा की थी. साथ ही दुकानों की क्षति के लिए दुकानदारों को 50 हजार तक और टपरी वालों को 10 हजार रुपये तक की मदद, घर में फैले कीचड़ को निकालने के लिए भी राज्य सरकार की ओर से निधि देने की घोषणा की थी.
नागपुर में बाढ़ आने के बाद बिजली बंद कर दी गई थी. अब अधिकांश इलाकों में बिजली आपूर्ति सुचारू हो गई है. हालांकि 14 ट्रान्सफॉर्मर अभी भी चालू नहीं किए जा सके हैं, क्योंकि वहां पर पानी के कम होने का इंतजार किया जा रहा है.
देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि पहले तीन घंटों में ही लोगों को बाहर निकालने का काम प्रशासन ने किया. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ का इसमें भारी योगदान रहा है. रिस्पॉन्स टाइम बेहतर था और इसके लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए.
नागपुर शहर में अभी भी आॅरेंज अलर्ट की चेतावनी दी गई है. इसके चलते एनडीआरएफ, एसडीआरएफ टीम को तैनात रखा गया है.
रविवार की दोपहर 3.45 से 4.30 बजे तक 30.4 मिमी बारिश हुई. इस वक्त प्रति घंटा 36 किलोमीटर की गति से हवाएं चल रहीं थी. प्रादेशिक मौसम विभाग ने और तीन दिनों तक नागपुर में मध्यम बारिश से लेकर तो मूसलाधार बारिश की संभावना जताई है.
मौसम विभाग का अनुमान लगातार गलत साबित होने के कारण पिछली दफा मौसम विभाग के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी. इसके बाद भी प्रशासन जाग नहीं सका है. उपराजधानी में शुक्रवार की आधी रात के बाद बादल फटने जैसी स्थिति होने के बाद भी मौसम विभाग कोई पूर्व अनुमान या चेतावनी जारी नहीं कर सका. इसका परिणाम यह हुआ कि नागरिकों को आर्थिक, मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ा. शहर में लगा डॉप्लर राडार अनुमान व्यक्त करने में पूरी तरह से विफल रहा है.
नागपुर शहर में विमानतल परिसर में बारिश और बिजली गिरने की संभावना जताने वाला डॉप्लर राडार लगा है. बारिश का अनुमान व्यक्त करने वाली इस तकनीक के साथ ही विशेषज्ञों की टीम भी है. बावजूद इसके शुक्रवार की आधी रात से लेकर तो शनिवार तक होती रही भारी बारिश का कोई अनुमान विभाग नहीं लगा पाया.
प्रादेशिक मौसम विभाग द्वारा दिए गए अनुमान में किसी भी तरह के खतरे की कोई चेतावनी नहीं दी गई थी. विभाग ने हल्के और मध्यम स्वरूप की बारिश की संभावना व्यक्त की थी, जो साफ गलत निकली. शहर में चार घंटों तक बिजली का तांडव चलता रहा. बादल गरज रहे थे. इससे नागरिकों की नींद उड़ गई थी.