महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं के निर्णय में जानबूझ कर देरी करने के आरोप का जवाब दिया है। उन्होंने बताया कि न्याय में विफलता न हो इसलिए वह जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं।सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले पर फैसले के लिए एक सप्ताह के भीतर समयसीमा बताने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सोमवार को मीडिया से बात करते हुए नार्वेकर ने कहा, ‘मुझे इसके बारे में (सुप्रीम कोर्ट के निर्देश) कोई जानकारी नहीं है। मुझे इस मामले में देरी करने में दिलचस्पी नहीं है और न ही मैं इसमें कोई जल्दबाजी करना चाहता हूं।’सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर उन्होंने कहा, ‘जाहिर तौर पर उचित समय के भीतर यचिकाओं पर निर्णय लेने के निर्देश के बावजूद अबतक कुछ भी नहीं किया गया है।’ स्पीकर ने आगे कहा, ‘मुझे सुप्रीम कोर्ट (आदेश) की कॉपी नहीं मिली है। मुझे नहीं मालूम की कोर्ट में क्या हुआ है। अदालत के आदेश के बाद ही मैं इस पर कुछ टिप्पणी करूंगा।’नार्वेकर ने इस मामले में कहा कि उन्हें जैसे ही मौका मिलेगा वह जल्द ही इस पर निर्णय लेंगे। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने इस मामले में कहा कि यह अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता है, इसके लिए हमें एक समयसीमा बताएं। उद्धव ठाकरे गुट ने जुलाई में सुप्रीम कोर्ट का रुख लिया, जिसमें उन्होंने विधानसभा के स्पीकर से निश्चित समय पर निर्णय लेने की मांग की थी। सांसद प्रभु ने लगाया था नार्वेकर पर आरोप शिवसेना (यूबीटी) सांसद सुनिल प्रभु ने 2022 में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी। उन्होंने स्पीकर नार्वेकर पर जानबूझ कर निर्णय में देरी करने का आरोप लगाया है।