एक तरफ विघ्नहर्ता के आगमन को लेकर उत्साह का माहौल है तो दूसरी तरफ डेंगू ने चिंता बढ़ा दी है. पिछले 15 दिनों में नागपुर जिले में 295 मरीज सामने आए हैं. त्यौहार के दिनों में लोग बुखार से पीड़ित हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल डेंगू के मरीजों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की गई है.
डेंगू का संक्रमण ‘एडीज़ एजिप्टी’ प्रजाति की मादा मच्छर से फैलता है. ये मच्छर चिकनगुनिया, पीला बुखार और जीका वायरस के संचरण का भी कारण बनते हैं. डेंगू का कोई स्पष्ट इलाज या एंटीबायोटिक या एंटीवायरल दवा नहीं है. अगर बीमारी गंभीर हो जाए तो सीधे तौर पर मौत का खतरा होता है. इस कारण समय पर निदान जरूरी है.2022 में डेंगू के केवल 63 मामले सामने आए थे, वहीं इस साल 15 सितंबर तक 775 मामले सामने आ चुके हैं. इसमें से 484 मरीज नागपुर शहर में और 291 मरीज नागपुर ग्रामीण में पाए गए. इसके अलावा पिछले 15 दिनों में डेंगू के संदिग्ध मरीजों की संख्या दो हजार के पार पहुंच गयी है. विशेषज्ञों के अनुसार, वर्षा की कमी, तापमान, आर्द्रता और अनियोजित शहरी विकास के कारण मच्छरों का घनत्व बढ़ गया है.