नागपुर के अजनी पुलिस थाना अंतर्गत धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज हुआ है. जहां साइबर अपराधियों ने मेडिकल अस्पताल की एक डॉक्टर को ही अपना निशाना बना लिया। कुरियर में ड्रग्स और पासपोर्ट आदि सामान मिलने का झांसा दिया गया. खुद को पुलिस अधिकारी बताकर आरोपियों ने बातचीत की और धोखे से 2.96 लाख रुपये ले लिए. अजनी पुलिस ने डॉ. कौशिकी हल्दर (28) की शिकायत पर मामला दर्ज किया है.
कौशिकी दिल्ली की रहने वाली हैं. शासकीय मेडिकल कॉलेज के मार्ड हॉस्टल में रहती हैं और एमडी की पढ़ाई कर रही हैं. विगत 24 अप्रैल की शाम कौशिकी हॉस्टल में पढ़ाई कर रही थीं. उसी दौरान उन्हें एक फोन आया. कॉल करने वाले ने खुद को फेडेक्स कुरियर कंपनी का एजेंट बताया और कहा कि आपका पार्सल हमने सीज किया है. उसमें कपड़े, 5 क्रेडिट कार्ड, 5 पासपोर्ट, लैपटॉप, 140 ग्राम ड्रग्स और 24,620 रुपये नकद मिले हैं. आपका नाम, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर इस्तेमाल करके यह पार्सल मुंबई से ताइवान भेजने की कोशिश की गई. यदि आपने यह पार्सल नहीं भेजा है तो आपके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है.
यह फोन कॉल मुंबई के अंधेरी साइबर सेल को ट्रांसफर करने का झांसा दिया गया. इसके बाद बाल सिंह राजपूत नामक व्यक्ति ने खुद को डीसीपी बताया. स्मिता पाटिल नामक इंस्पेक्टर से बातचीत करवाई. उन्हें पूछताछ के लिए मुंबई आने को कहा गया. कौशिकी ने बताया कि उनकी परीक्षा चल रही है और वे मुंबई नहीं आ पाएंगी. इसके बाद आरोपियों ने स्काइप एप पर ऑनलाइन मीटिंग करने को कहा.
बाद में कौशिकी को बताया गया कि उनका बैंक खाता मनी लॉन्ड्रिंग के लिए उपयोग किया गया है. जांच के लिए पासपोर्ट फोटो और कॉलेज आईडी मांगी गई. किसी दूसरे व्यक्ति को इसकी जानकारी देने से मना किया गया. यहां तक कि उसे गिरफ्तार करने की धमकी भी दी गई.
आरबीआई द्वारा अकाउंट वेरीफाई करवाने के लिए कौशिकी को कोड 98132 भेजने को कहा गया.
उन्होंने अपने 2 खातों से वह कोड भेजा लेकिन असल में यह रकम उनके खाते से डेबिट हो रही थी. बाद में आरोपी ने कहा कि अब खाते का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं, इसलिए 50-50 हजार रुपये 2 बार आरोपियों के खाते में ट्रांसफर किए गए.
धोखाधड़ी की बात सामने आने पर की पुलिस में शिकायत
कुल 2.96 लाख रुपये वसूल करने के बाद आरोपी फिर डॉक्टर से और पैसों की मांग कर रहे थे. इसके लिए आरोपियों ने उन्हें करीबी व्यक्ति से और रकम का इंतजाम करने को कहा. जिसके चलते कौशिकी को संदेह हो गया और सवाल करते ही आरोपी ने फोन काट दिया. धोखाधड़ी का पता चलने पर उन्होंने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत की. अजनी पुलिस ने धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है और आगे की जांच कर रही है।