इसके चलते राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता भी चली गई है।
निचली अदालत को चुनौती देने के लिए राहुल गांधी सेशन कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन राहत नहीं मिली थी। इसके बाद उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया था। उच्च न्यायालय में राहुल का पक्ष रखते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस नेता ने ऐसा कोई गंभीर अपराध नहीं किया है, जिसके लिए उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई है। सिंघवी ने कहा कि यदि इस सजा पर रोक नहीं लगाई गई तो परिणाम गलत होंगे। यह नैतिकता का भी मामला है। इससे नेता के करियर पर असर पड़ेगा। इसके अलावा उस संसदीय क्षेत्र की जनता भी प्रभावित होगी, जहां से वे सांसद रहे हैं। इस पर पूर्णेश मोदी के वकील निरुपम नानावटी ने कहा, ‘जब आप कहते हैं कि सारे मोदी चोर हैं तो क्या यह नैतिकता का मसला नहीं है? आप दुनिया को क्या संदेश देना चाहते हैं? जब एक विपक्ष के नेता हजारों लोगों के सामने देश के पीएम को चोर कहता है।’