पिछले माह शहर में हुए जी-20 सम्मेलन के लिए नागपुर महानगर पालिका ने एक माह तक साफ-सफाई को महत्व दिया था. इससे शहर की सड़कें और कुछ हद तक बस्तियां भी चमकदार हो गईं. सड़कों पर थूकने, पेशाब करने वालों पर उपद्रव जांच टीम ने कड़ी कार्रवाई की.
लेकिन जी-20 सम्मेलन के बाद सड़क के किनारे पड़े कचरे से यह देखा जा सकता है कि मनपा सुस्त हो गई है. इतना ही नहीं, पिछले कुछ दिनों में चलाए गए ऑपरेशन के आंकड़ों से साफ है कि उपद्रवियों की जांच करने वाली टीम भी ठंडी पड़ गई है.
जी-20 सम्मेलन के मौके पर मनपा ने दो महीने विदेशी पर्यटकों रिझाने के लिए शहर में साफ-सफाई, रंग-रोगन, फुटपाथों की मरम्मत, सड़कों की मरम्मत और हरियाली लगाने का काम किया.
जी-20 सम्मेलन के दौरान शहर के सभी क्षेत्रों के नागरिकों नेमनपा की प्रशंसा की. नागरिकों ने शहर की साज-सज्जा, आकर्षक लाइटिंग की भी तारीफ की. इस काल में उन्होंने नगर का स्वरूप ‘नह भूतो’ के रूप में देखा. सफाई में नागरिकों ने भी सहयोग किया. लेकिन इस सम्मेलन के बाद नागरिक भी गंदगी करने लगे, वहीं मनपा के कर्मचारी भी ढिलाई बरतते नजर आ रहे हैं.
हालांकि जी-20 के मौके पर कुछ कामों से शहर आज भी खूबसूरत नजर आता है, लेकिन लगता है कि कुछ इलाकों में बदहाली शुरू हो गई है. धंतोली में तकिया में मुख्य मार्ग के किनारे कचरे का ढेर देखा जा सकता है. इतना ही नहीं, वर्धा मार्ग पर बनी वाकर स्ट्रीट नागपुर के लोगों के लिए एक बड़ी घटना बन चुकी है, लेकिन यहां सड़क के किनारे अभी तक आई ब्लॉक नहीं लगाया जा सका है. इसके परिणामस्वरूप आईब्लॉक्स के साथ खचरे का ढेर है.
एक से 23 मार्च तक उपद्रव जांच दल ने थूकने व पेशाब करने वालों पर भी कार्रवाई की. इस दौरान प्रतिदिन 40 हजार से 73 हजार रुपए तक जुर्माना वसूला गया. लेकिन फिर इस महीने प्रतिदिन न्यूनतम 30 से लेकर अधिकतम 50 हजार तक जुर्माना वसूला गया. इससे शहर में सफाई की समस्या गंभीर हो गई है.
‘फेसबुक पेज’ पर ही सफाई
पिछले कुछ दिनों में नागपुर महानगर पालिका ने साफ-सफाई पर जोर दिया था. लेकिन उनके फेसबुक पेज से मनपा की सफाई साफ झलक रही है. मनपा के फेसबुक पेज से स्वच्छता को लेकर बड़ा जन जागरूकता अभियान चल रहा है. हकीकत में हालांकि, इससे जुड़ी कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण शहर अस्वच्छ होता जा रहा है.