राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं। उन्होंने 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के करिश्मे को दिया। अजीत पवार ने कहा कि देश में महंगाई तथा युवाओं के लिए रोजगार प्रधानमंत्री की शैक्षणिक डिग्री से ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा, ‘पीएम मोदी के नाम पर पार्टी (भाजपा) 2014 में सत्ता में आई और कई दूर-दराज के इलाकों में पहुंच गई। जीतने के बाद उनके खिलाफ खूब बयानबाजी हुई लेकिन वे लोकप्रिय हुए और उनके नेतृत्व में बीजेपी ने कई राज्यों में जीत हासिल की। उन्होंने 2019 में भी यही दोहराया। यह पीएम मोदी का मैजिक नहीं तो क्या है? जहां तक राजनीति में शिक्षा का सवाल है, तो इसे ज्यादा महत्व नहीं माना जाता है।’
पवार की टिप्पणी सहयोगी दल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) से अलग है, जिसके नेता संजय राउत ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी को अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनकी डिग्री को संसद भवन के प्रवेश द्वार पर लगा देना चाहिए।
ईवीएम को लेकर भी अजीत पवार ने विपक्ष के नेताओं से अलग रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “मुझे व्यक्तिगत रूप से ईवीएम पर पूरा भरोसा है। अगर ईवीएम खराब होती तो छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में विपक्षी दलों की सरकारें नहीं होतीं। हमारे देश में ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है। यह पूरी तरह से एक बड़ी प्रणाली है, इसमें बहुत सारे चेक और बैलेंस शामिल हैं।”
ईवीएम से छेड़छाड़ पर बवाल
महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, ‘अगर किसी तरह यह साबित हो जाता है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई तो देश में बड़ा बवाल खड़ा हो जाएगा। मुझे नहीं लगता कि कोई भी ऐसा करने की हिम्मत करेगा। कई बार कुछ लोग चुनाव हार जाते हैं लेकिन उन्हें लगता है कि हम हार नहीं सकते, फिर वे ईवीएम को लेकर आरोप लगाने लगते हैं लेकिन असल में यह जनता का वास्तविक जनादेश है।’