एनसीपी नेता अजित पवार ने नॉट रीचेबल वाली खबरों को पर बेवजह बदनामी करने का आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वे पिछले कुछ दिनों से पूरे महाराष्ट्र का दौरा कर रहे थे। भीड़ में ठीक से आराम नहीं मिल रहा था। गर्मी और ज्यादा जागने से तबीयत खराब हो गई थी। इस वजह से मैं डॉक्टर की सलाह पर दवाई लेकर पुणे स्थित आवास पर आराम कर रहा था। उन्होंने बताया कि बिना सच्चाई जाने किसी को बदनाम करना ठीक बात नहीं है। हम सार्वजनिक व्यक्ति हैं.अजित ने कहा कि वह सुनिश्चित करके ही खबरें चलाएं। उन्होंने कहा कि मीडिया में अपने बारे में खबरें देखकर वो व्यथित हैं। बता दें कि अजित पवार शुक्रवार शाम करीब 5 बजे से नॉट रीचेबल थे। उनके साथ ही करीब 7 से 8 विधायकों से भी संपर्क नहीं हो पा रहा था। इस वजह से सूबे में सियासी उठापटक की अटकलों का दौर शुरू हो गया था।
हाल ही में अजीत पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि- मोदी डिग्री से नहीं, अपने जलवे से जीतते हैं। जनता ने प्रधानमंत्री को डिग्री देखकर नहीं चुना। लोगों का मंत्रियों की डिग्री को लेकर सवाल करना गलत है।
पीएम बीते 9 सालों से देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनकी डिग्री के बारे में पूछना ठीक बात नहीं है। हमें उनसे महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सवाल करना चाहिए। किसी मंत्री की डिग्री कोई महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है। अगर हमें उनकी डिग्री पर स्पष्ट मिल जाए तो क्या महंगाई कम होगी? क्या उसकी डिग्री की स्थिति जानने के बाद लोगों को नौकरी मिलेगी?’
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2019 में अजीत ने तीन दिनों में इस्तीफा दे दिया था
भाजपा-शिवसेना ने 2019 में साथ चुनाव लड़ा था। पूर्ण बहुमत मिला, पर सीएम पर पेंच फंस गया था। शिवसेना ने ढाई साल के लिए सीएम पद मांगा लेकिन बात नहीं बनी। 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा था, जो 23 को रातों-रात हटाया गया और फडणवीस ने एनसीपी के अजित पवार संग सरकार बनाई थी। लेकिन अजीत ने तीसरे ही दिन इस्तीफा दे दिया था।