दिग्रस शहर के ग्रामीण अस्पताल में शुक्रवार को एक 25 वर्षीय गर्भवती महिला को फायर सेफ्टी उपकरण के संपर्क में आने से बिजली का झटका लगा। घटना के बाद महिला को एम्बुलेंस से तत्काल यवतमाल के सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए रवाना किया गया है।
इस घटना में प्राप्त जानकारी के अनुसार हर शुक्रवार को दिग्रस शहर और तहसील की गर्भवती महिलाएं नियमित जांच के लिए ग्रामीण अस्पताल पहुंचती है । शुक्रवार 2 दिसंबर को निशा आनंद इंगोले नामक महिला जांच के लिए यहां आई हुई थी जांच कक्ष के सामने लगे फायर हौज रील नामक उपकरण के पास वह खड़ी थी ऐसे में संबंधित महिला का स्पर्श उस उपकरण से हुआ और उसे बिजली का ज़ोर का झटका लगा जिसके बाद अस्पताल के कर्मचारी और डॉक्टर हड़बड़ा गए और उस महिला को प्राथमिक उपचार देते हुए तत्काल एंबुलेंस से उसे यवतमाल के सरकारी मेडिकल हॉस्पिटल में रवाना किया गया मालूम हो कि दिग्रस ग्रामीण अस्पताल में हाल ही में अग्निशमन उपकरणों को लगाया है । इस उपकरण के पैनलों को लगाने का जिम्मा नागपुर की एस आर एसोसिएट्स नामक कंपनी द्वारा किया जा रहा है सूत्रों ने बताया कि फायर होज रील नामक उपकरण को अर्थिंग नहीं मिलने से इस उपकरण में बिगाड़ उत्पन्न हुआ और इस उपकरण में बिजली प्रवाहित होने से उस महिला को बिजली का झटका लगा । एसआर एसोसिएट्स नामक कंपनी की गैर जिम्मेदारी और इस कंपनी के तकनीशियन की लापरवाही की बदौलत यह घटना घटी। इस घटना के बाद अस्पताल में उपचार के लिए दूरदराज से आने वाले मरीजों में भय व्याप्त हो चुका है।इस घटना के संदर्भ में ग्रामीण अस्पताल के वैद्यकीय अधीक्षक डॉ वीरेंद्र अस्वार ने नागपुर मेट्रो समाचार प्रतिनिधि को बताया कि, घटना के बाद संबंधित महिला को तत्काल उपचार के लिए यवतमाल रवाना किया गया है। एसआर एसोसिएट्स नामक कंपनी से इस घटना के बारे में जवाब तलब किया हैं । इस घटना की जांच कराने और बिगाड़ उपकरणों को दुरुस्त कर अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर ,कर्मचारियों सहित यहां जांच के लिए आने वाले मरीजों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जायेगा। क्योंकि,अस्पताल प्रशासन के लिए मरीजो की वैद्यकीय सेवा और उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है।एसआर एसोसिएट्स ने दी सफाई!इस घटना के बारे में पूछे जाने पर एस आर असोसिएट्स के साइट इंजीनियर अभिषेक चौधरी ने आशंका जताई की सरकारी अस्पताल के ऊपर डोमेस्टिक पानी की टंकी लगी है। ऐसे में होल्टेज कम ज्यादा होने अथवा करंट या पानी का रिसाव होने से यह घटना घटित होने की आशंका है। जिस लीकेज से यह हादसा हुआ उसे दुरुस्त कर लिया गया है। भविष्य में इस तरह की घटना न हो इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था भी की गई है।ग्रामीण अस्पताल प्रशासन ध्यान दे!कुल मिलाकर देखा जाए तो इस पूरे मामले में काफी हद तक जहां एसआर एसोसिएट्स नामक कम्पनी की लापरवाही उजागर हुई है। वहीं सूत्रों के मुताबिक ग्रामीण अस्पताल की इलेक्ट्रिक फिटिंग सन 1998 में हुई थी, जो अभी जो काफी पुरानी हो चुकी है। साथ ही अस्पताल के उपर लगी डोमेस्टिक पानी टँकी भी पुरानी हो चुकी है। ऐसे में वक़्त रहते अस्पताल प्रशासन अपनी पुरानी इलेक्ट्रिक फिटिंग को बदले और अस्पताल में आनेवाले मरीजो के जान माल की रक्षा की जिम्मेदारी को सुनिश्चित करे ताकि लोगो मे इस घटना को लेकर जो भय व्याप्त हुआ है वो दूर हो सके।