सालेकसा तहसील मुख्यालय से केवल 3 से 4 किमी. दूरी पर स्थित हलबीटोला गांव है जो सालेकसा नगर पंचायत में समाविष्ट हैं. यह गांव भी पुरी तरह ग्रामीण ही है, इसी गांव की रहने वाली बी.एस.एफ जवान भाग्यश्री श्यामलाल नाईक ने भारतीय सिमा पर अदम्य साहस दिखाते हुए अपनी साथी जवान प्रिती के साथ मिलकर विदेशी ड्रोन को मार गिराते हुए अपनी बहादुरी व अदम्य साहस का परीचय देते हुए उस ड्रोन में छिपे बेशकिमती हिरोइन को जब्त किया. यह घटना अमुतसर सेक्टर के अंतर्गत दरिया मुसा गांव चाहढ़गढ़ 25 नवंबर की रात 11 बजे बी.एस.एफ.की महिला कांस्टेबल प्रिती व भाग्यश्री इस दौरान गस्त पर थी. ड्रोन की आवाज सुनकर दोनों अलर्ट हो गई, दोनों ने तकरीबन 25 राऊंड फायर किए. कुछ समय बाद ड्रोन की आवाज आना बंद हो गई. ईलाके में सर्च किया गया तो खेतों में एक हेक्साकाप्टर चायना मेड ड्रोन बरामद हुआ. जिससे हिरोइन की खेप बंधी थी. भारत-पाक सरहद पर आए ड्रोन बी.एस.एफ ने गिराने में सफलता हासिल की. खास बात यह है की इस बार ड्रोन को मार गिराने वाली दो महिला बी.एस.एफ जवान थी. यह कारनामा करने वाली वह शायद देश के इतिहास में पहली बी.एस.एफ. जवान होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. उसके अदम्य साहस के लिए सेना के वरिष्ठ सेना अधिकारी ने दोनों महीला बी.एस.एफ. जवानों को सामान्नित करने की घोषणा भी की है. भाग्यश्री के इस काम को लेकर उसके पैतृक गांव हलबीटोला में खुशी का मौहल है व सालेकसा के सभी सोशल मिडीया ग्रुप पर भाग्यश्री नाईक की जमकर प्रराहना की जा रही है. भाग्यश्री के पिता किसान है व भाग्यश्री ने इसी वर्ष मार्च 2022 को ही बी.एस.एफ. जवान के रूप में ड्युटी पर लगी थी व वे अमुतसर में भारत-पाक सिमा पर तैनात थी. भाग्यश्री नाईक सालेकसा कनिष्ठ महाविद्यालय सालेकसा में कक्षा 12वीं में प्रथम स्थान भी हासिल किया था. उसकी वीरता के लिए उसके पिता को उस पर गर्व है.