उमरेड क्षेत्र के तहत वेकोलि मुरपार (चिमूर) खदान किसी तकनीकी कारणों के चलते बंद कर दी गई है. परिणामस्वरूप कार्यरत कर्मियों को अन्य खदानो मे स्थानांतरित कर दिया गया. मात्र 175 कर्मि अपनी मांग पर कायम रहते हुए बंद की गई खदान को दुबारा शुरू करने की मांग पर अड़ गए है. नतीजन कामगार यूनियन कि संयुक्त बैठक में हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया. तथा आद्यौगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 22 (बी) तहत हरताल पर जाने की सुचना वेकोलि क्षेत्रीय महा प्रबंधक को दे दी गई. जानकारी मुताबिक तीन माह पूर्व (16 अगस्त 2022 ) को मुरपार खदान बंद करने का निर्णय लिया गया. खदान में कार्यरत कर्मियों को अन्यत्र खदानों में स्थानांतरित कर दिया गया. मात्र इन्हीमे से 175 कर्मियों के साथ 7 अक्टूबर 2022 को हुए करार रद्द नहीं होने से उन्होंने बंद मुरपार खदान को दुबारा शुरू करने की मांग उठाई. मात्र खदान प्रबंधन द्वारा इस पर कोई उचित मार्ग नहीं निकलने से कर्मियों के बिच असंतोष बढ़ गया. यह बात यूनियन द्वारा भी उठाने के बावजुद कोई कार्रवाई नहीं हुई. नतीजन श्रमिक संगठन की पांच यूनियनों ने संयुक्त संगठन का गठन कर उमरेड क्षेत्रोय कार्यालय के समीप बैठक लेकर अंततः हरताल पर जाने का निर्णय ले लिया.
संयुक्त संगठन ने हड़ताल को चार चरणों में विभाजित किया हे. इसके पहले चरण में 29 व 30 नवंबर को खदान इकाइयों में गेट मीटिंग. दूसरे चरण में 1 से 7 दिसंबर तक धरना प्रदर्शन व श्रृंखला बद्ध भूख हड़ताल. तीसरे चरण मे 8 से 12 दिसंबर तक भूख हड़ताल एव डिस्पेच बंद. चौथे चरण मे 12 दिसंबर को एक दिवसीय सांकेतिक सम्पूर्ण बंद. प्रबंधन द्वारा मांगे नहीं मानने पर अनिश्चित कालीन हड़ताल. संबंधी पांच संगठनों में बीएमएस, एचएमएस, आयटक, इंटक, व सीटू ने संयुक्त हस्ताक्षर है।