तहसील के लाख रायजी गांव की बाढ़ संरक्षक दीवार के निर्माणकार्य में भ्रष्टाचार सहित निर्माणकार्य में निचले दर्जे की सामग्री के इस्तेमाल को लेकर उपजा मतभेद और विरोध का दौर थमता नही दिख रहा।
लाख रायजी गांव में स्थित मस्जिद के समीप नहर (नाले) का पानी बारिश के दौरान बाढ़ के रुप मे पिछड़े वर्ग की बस्ती में घुसने की समस्या का निवारण करने के उद्देश्य से उपरोक्त दीवार का निर्माणकार्य शुरू किया गया। सूत्रों ने बताया कि इस कार्य के लिए रोजगार गारंटी योजना के तहत 24 लाख लाख रुपये के निधी की स्वीकृति भी ली गयी, लेकिन काम शुरू करने से पहले ही संबंधित ठेकेदार ने जिला परिषद के निर्माणकार्य अभियंता से सांठगांठ कर 3 लाख रुपये हड़प लिए। कथित रुप से इस मामले की भनक लगते ही गांव वालों में उपजे रोष के मद्देनजर लाख रायजी निवासी शेख मुस्ताक शेख फरीद ने उक्त मामले की शिकायत जिलाधिकारी को सौंवैसे भी इस संरक्षक दीवार के निर्माणकार्य में शुरू से ही भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है। इस मामले में गांव वालों की आपत्ति है कि तहसील भर में कहीं भी रेती घाटों की नीलामी बंद है ऐसे में उक्त दीवार के निर्माणकार्य के लिए नहर की मिट्टी युक्त रेती इस्तेमाल में लायी जा रही है। गौरतलब है कि निचले दर्जे की रेती से जारी उक्त दीवार का निर्माणकार्य भविष्य में अनुचित घटना का सबब बन सकता है इस आशंका से ग्रस्त गांव वासियों ने उक्त निर्माणकार्य को रोकने के संदर्भ में जिला परिषद के निर्माणकार्य उप विभाग आर्णी कार्यालय अभियंता जानबूझकर इस मामले की ओर अनदेखी कर रहे है। इस आशय के आरोप भी अब उठने लगे है। मालूम हो की सन 2021 में रोजगार गारंटी योजना के तहत मस्जिद से मातंग पुरा तक संरक्षक दीवार के निर्माणकार्य की निधि राशि मंजूर की गयी। फर्जी मजदूर मस्टर पर बता कर ठेकेदार ने 3 लाख रुपये हड़प लिए। साथ ही ठेकेदार ने खुद के घर के सदस्यों के नाम मजदूरों की फेहरिस्त में फ़र्जी तरीके से शामिल कर लिए। अब गाव वासियों द्वारा इस मामले दर्ज शिकायत में गांव वालों ने जिला परिषद के निर्माणकार्य विभाग से
मांग की है कि, उपरोक्त दीवार के कार्य मे इस्तेमाल में लायी जा रही मिट्टी मिश्रित रेती क्वालिटी कंट्रोल विभाग को भेज कर इसकी जांच करने और जांच पूरी होने के बाद ही उक्त दीवार का निर्माणकार्य आगे बढ़ाने की मांग उठाई हैपी थी। जिसके 6 माह बाद उक्त संरक्षक दीवार का काम शुरू हुआ। लेकिन इस काम के लिए नहर की रेती इस्तेमाल में लाए जाने का आरोप किया जा रहा है।