एक विद्रोही सांस्कृतिक आंदोलन जीवन के सभी क्षेत्रों में समतावादी विचारों को स्थापित करता है। मुंबई, कोल्हापुर, औरंगाबाद, अमरावती, सोलापुर, नंदुरबार, पुणे, मनमाड, बुलढाणा, धुले, में विद्रोही सांस्कृतिक आंदोलन 16 और निपानी कर्नाटक में विद्रोही साहित्य बैठकें और एक अंतर-राज्य विद्रोही साहित्य बैठक आज तक आयोजित की गई है। नासिक, परभणी, उदगीर आदि। पुणे में एक विद्रोही महिला साहित्य सम्मेलन आयोजित किया गया था। बाबूराव बागुल, वाहरू सोनवणे, डॉ. यशवंत मनोहर, डॉ. अजीज नदफ, आत्माराम कानीराम राठौड़, डॉ. तारा रेड्डी, तुलसी परब, डॉ. आइए एच। सालुंखे, उर्मिला पवार, संजय पवार, जयंत पवार, डॉ. श्रीराम गुंदेकर, विमल मोरे, डॉ. प्रह्लाद लुलेकर, डॉ. प्रतिभा अहिरे। डॉ। आनंद पाटिल, गणेश विस्पुते जैसे विख्यात रचनाकार साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। रूढ़िवादिता का विरोध, एक संयुक्त राष्ट्र के निर्माण का पुरस्कार, सांस्कृतिक विविधता और संविधान के प्रति सम्मान सम्मेलन के मुख्य विषय हैं। हाल ही में वर्धा में हुई लेखकों, शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक में 17 वें विद्रोही मराठी साहित्य सम्मेलन को 4 और 5 फरवरी 2023 को वर्धा शहर में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। संघ की प्रारम्भिक बैठक सन्दर्भ में वर्धा शहर में आयोजित इस नियोजित बैठक के स्वागत अध्यक्ष के रूप में संविधान के विद्वान एवं शिक्षा चिन्तक प्रो. मुख्य आयोजक के रूप में नितेश बालकृष्णजी कराले व डॉ.अशोक चोपड़ा को चुना गया है। यह बात 14 तारीख को आयोजित पत्रकार वार्ता में संमेलन के प्रदेश संयोजक किशोर ढमाले ने कही। वर्धा जिले की सत्य शाेधक, गांधीवादी, अम्बेडकरी की ऐतिहासिक विरासत इस बैठक की विशेषता होगी। यह सम्मेलन महात्मा फुलेकृत सत्यशोधक समाज की स्थापना की शताब्दी वर्ष एवं राजर्षि शाहू महाराज के स्मरणोत्सव को समर्पित किया जा रहा है। संगोष्ठी समूह चर्चा, साक्षात्कार, कवि मिलन, नाटक, नुक्कड़ नाटक, नाटक, सत्यशोधक जलसा के माध्यम से विचार-मंथन, विद्रोही साहित्य के निर्माण और सामाजिक-सांस्कृतिक परिवर्तन में मूल्य जोड़ देगा। यह विश्वास आज की पत्रकार वार्ता में व्यक्त किया गया। विद्रोही साहित्यिक सभाओं को समतावादी विकल्प के रूप में देखा जाता है, साहित्य संमेलन महाराष्ट्र के राज्य संयोजक किशोर ढमाले, अधिकारी अजीत देशमुख (मुंबई), प्रो. राम प्रसाद तौर (नांदेड़), अर्जुन बागुल (नासिक) उपस्थित थे। वर्धा में होने वाले 17वें विद्रोही सम्मेलन की स्वागत समिति के मुख्य पदाधिकारी के रूप में गजेंद्र सुरकार, सुधीर गिर्हे, गुनवंत डकरे, राजेंद्र प्रो. जनार्दन देवतले, कपिल थुटे, श्याम शंभरकर, नरेंद्र पहाड़े, विशाल चौधरी, मोहित सहारे, गोविंदा पारिसे, अजय भेंडे, नंदकुमार वानखेड़े विजय नखले, अशोक कांबले, डॉ. प्रियराज महेशकर , डॉ सुधाकर सोनवणे, डॉ. धनंजय सोनट्कके, प्रो. एकनाथ, रवींद्र कडू, किरण झाडे, पुष्कर बंडावार, शंकर घपाट, राजेश खडसे, निखिल मोरेश्वर, संदीप चिचाटे, संदीप कालबांडे, सुमेध बंसोड़, अनिल इंगले, श्रिया गोडे को विभिन्न पदों के लिए चुना गया।