न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे उच्चन्यायालय मुंबई, नागपुर खंडपीठ की अपेक्षा के अनुरूप मामले का निर्णय पहले दिन हुआ और माननीय शुक्रे की अपेक्षा पर खरा उतरनेसे सावनेर दिवाणी न्यायालय वरिष्ठ स्तर मे प्रलंबित मामले शिध्रतासे निपटने की आस बंधी हैं। बता दे की सावनेर दिवाणी न्यायालय वरिष्ठ स्तर के शुभारंभके अवसरपर आयोजन के अध्यक्ष न्यायमूर्ती सुनिल शुक्रे ने अपने अध्यक्षीय संबोधनमे सावनेर दिवाणी न्यायालय वरिष्ठ स्तर के न्यायाधीश मा.पी.पी.नायगावकर से अनुरोध कीया था की ऐसी कोशीशे की जाय की वरिष्ठ स्तर के न्यायालय के पहले दिवसीय कार्यमे अगर हम कोई फैसला देते है तो वो एक आदर्श स्थापित होने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रके नागरिको में न्यायपालिका के प्रती विश्वसनीयता निर्माण कर एक मजबूत नीव साबीत होगी. जीसके चलते 26 सितंबर को सावनेर दिवाणी न्यायालय के पहले दिवसीय कार्यमे न्यायाधीश पी.पी.नायगावकर ने फैसला सुनाकर मा.न्यायमूर्ती सुनिल बी शुक्रे के दीये सुझावको गंभीरतासे लेनेका परिचय दिया।
न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे ने सावनेर में उच्च न्यायालय के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए यह अपेक्षा व्यक्त की थी कि काम के पहले दिन कम से कम एक मामले का फैसला किया जाना चाहिए जीसके चलते केस नं 784/13 महालक्ष्मी विरुद्ध जयंत व अन्य इस मामले को सुलझाया.इस अवसरपर सावनेर के वकीलों ने न्यायमूर्ती पंकज नायगावकर का अभिनंदन कर उन्हे बधाई दी।
न्यायमूर्ति सुनील बी शुक्रेने कुमारी आभा शैलेश जैन दीवानी वरिष्ठ स्तरीय न्यायालय उद्घाटन कार्यक्रम के कुशल संचालन के लिए। शुक्रे ने उसे बुलाया और उसकी प्रशंसा की और बधाई दी। उनकी पढ़ाई के बारे में पूछ उन्हे उज्वल भविष्य की शुभकामनाऐ दी।