दो वर्षों के कोरोना काल से 2019 के बाद संपूर्ण जग सहित भारत वर्ष में लॉकडाउन के चलते सभी धार्मिक सन तैवार भिड़ भाड की जगहों पर केन्द्र तथा राज्य शासन ने पाबंदी लगा दी थी जिस वजह से दो वर्षों के कालांतर के बाद इस वर्ष दहीहंडी, गणेश उत्सव के बाद अभी नवरात्रि उत्सव को मंजूरी प्रदान होते ही काटोल शहर में सबसे बडे पैमाने पर नवरात्रि उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें लाखों की संख्या भक्तगण आते हैं वहीं काटोल ऐतिहासिक व पौराणिक कथाओं महत्व शहर हैं काटोल नगरी का जो उल्लेख कुंतलापुर, कौतलपुर, तथा कौंतलेशवर नामों से पौराणिक कथाओं ग्रथों महाभारत, अश्वमेध, अश्विन में है कुंतलापुर नरेश राजा की राजधानी के नाम से प्रसिद्ध काटोल में स्वयंभू विराजमान राक्षसकालीन निर्माण हेमाडपंती मंदिर में विराजमान मॉ चंडीका, विद्या की देवी मॉ सरस्वती माता मंदिर का स्थान काटोल में है संपूर्ण भारत वर्ष में स्वयंभू जागृत सरस्वती माता के दो ही मंदिर है एक बिहार स्थित बुध्द गया में दूसरा तो ऐतिहासिक कुंतलापुर नगरी के नाम में प्रसिद्ध आज के काटोल में है। अश्विनी नवरात्रि के दौरान काटोल में बहुत बड़ा आयोजन किया जाता है। नागपुर शहर तथा ग्रामीण अंचल व वरूड, मोर्शी, परतवाडा, अमरावती, आर्वी, आष्टी, कारंजा गाडगे, वर्धा, गडचिरोली, चंद्रपूर, भंडारा, गोंदिया, सहित मध्यप्रदेश के पांढुना, सौसर, मुलताई, पटण, बैतूल, छिंदवाड़ा, बालाघाट आदि जगहों से अश्विनी नवरात्रि के दौरान लाखों भक्त देवी दर्शन करने के लिए आते हैं नवरात्रि में यह मेला लगता है। ऐतिहासिक देवी स्वयंभू देवी सरस्वती देवस्थान का निर्माण लोकवर्गणी से किया गया है इस मंदिर तथा संपूर्ण परिसर की विद्युत सजावट कर मंदिर के सामने राक्षसकालीन विशाल जलकुंड की सजावट माँ सरस्वती चॅरिटेबल ट्रस्ट एव नवरात्र उस्सव मंडल द्वारा की गई है। मंडल द्वारा नगरपालिका के स्कूल नंबर 11 के मैदान पर मीना बाजार का आयोजन किया जा रहा है जिसमें विभिन्न प्रकार के झूले, आकश झूला, टोरटोरा, ड्रैगन ट्रेन, म्युझिकल डान्स, मैजिक झूला, विशेष आकर्षण रहेगें स्टेशनरी, खिलौने, महिलाओं के लिए चूड़ियों, बैग, खान – पान की दूकानें लगेगी। प्रसिद्ध हेमाडपंती मंदिर में विराजमान देवी चंडीका माता मंदिर के चारों ओर आकर्षित लाइटिंग लगाकार रोशनाई की जा रही है। मंदिर तथा परिसर की पूरी व्यवस्था काटोल नगरपालिका प्रशासन द्वारा की जा रही है। इसी तरह नवरात्रि उत्सव मंडलों द्वारा जगह जगह मॉ दुर्गा की स्थापना कर विधीवत रूप से पूजा अर्चना की जाती है मुर्ति की स्थापना की जाती है। नवदुर्गा प्रर्दशनी मंडल तार बाजार दुर्गा चौक द्वारा मुबई पुणे से लाया गया गजेंद्र मुख स्वयं चलित झांकी प्रस्तुत की जा रही है। वहीं लाइटिंग से रोशनाई की जा रही है। सार्वजनिक नवदुर्गा उत्सव मंडल धंतोली द्वारा विशाल मंदिर पैडल तैयार कर म्युजिकल डिस्को लाइटिंग तथा लेज़र शो प्रस्तुत किया जा रहा है। पास ही स्कूल मैदान में रास गरबे का आयोजन किया जा रहा। अखंड ज्योत नवदुर्गा उत्सव मंडल कुनबीपुरा गलपुरा चौक पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अलग – अलग देवी की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। इस वर्ष नवरात्रि को तमिलनाडु की प्रख्यात समय पुरम अमाण माता की प्रतिमा आकषर्क का केंद्र बिंदु रहेंग, जिसके लिए मंडल द्वारा विशाल काय मंदिर को गुफाओं का रूप देकर उसमें देवी माता की स्थापना की जाएगी, शारदीय नवरात्रि उत्सव मंडल, धंतोली द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव अंग्रेजों काल में अपने देश के स्वतंत्र संग्राम देशवासियों की लड़ाई स्वयंचलित झांकी प्रस्तुत की जा रही है। नवयुवक दुर्गा उस्सव सांस्कृतिक मंडल पेठबुधवार सुभाष चौक द्वारा विशाल मंदिर का निर्माण कर म्युजिकल लाइटिंग कर रोशनाई कर डेकोरेशन किया जा रहा है। नगरपालिका चौक तहसील कार्यालय आंबेडकर चौक पर आदर्श माता रानी मंडल द्वारा तिरंगा झंडे का रूप देकर विशाल पैडल मंदिर तैयार कर काली माता की मुर्ति की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। रास गरबे का आयोजन गुजराती गरबा उस्सव मंडल द्वारा नगर भवन में मॉ दुर्गा की पूजा अर्चना कर रास गरबे का आयोजन नवरात्रि के नव दिन किया जाता है।
काटोल जलालखेडा वरूड मोर्शी मार्ग पर 7 कि.मी दूर स्थित विदेही सती अनुसया माता मंदिर संस्थान पारडसिंगा में विधिवत रूप से मंडल के अध्यक्ष चरणसिंग ठाकूर द्वारा पूजा-अर्चना कर घट स्थापना की जाएगी परिसर में आकर्षक रोशनाई कर नवरात्रि उस्सव का आयोजन किया जा रहा वहीं इस नवरात्रि उस्सव में लाखों की संख्या में भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है जिसे देखते हुए नवरात्रि उस्सव दौरान पुलिस राजस्व एवं नगरपालिका प्रशासन का बड़े पैमाने पर सहयोग प्राप्त होता है।