शीतलवाड़ी व रामटेक के नागरिकों ने हाल ही में बाइपास रोड पर हुए दो साल के बछडे की दुर्घटना की पार्श्वभूमीपर उप-विभागीय अधिकारी वंदना सवरंगपते, तहसीलदार बालासाहेब म्हस्के, पुलिस निरीक्षक रामटेक को ज्ञापन दिया. सड़कों पर खुलेआम घूमने वाले मवेशियों की बढ़ती संख्या और हादसों के कारण जानवरों और आम लोगों की जान खतरे में है। सीमेंट की सड़कों को चौड़ा किया गया है और शाम और रात में मुख्य सड़क और बाईपास पर बैठे कई गायों और बछड़ों को बैठा देखा जा सकता हैं. यह दृश्य रामटेक निवासियों के लिये अब आम हो गया है।पंकज आकरे ने दो दिन पहले हुए बछड़े की दुर्घटना के लिए मदद पाने की पूरी कोशिश की। लेकिन रात में मदद मिलना मुश्किल है। इस समय वाइल्ड चैलेंजर्स के राहुल कोठेकर और अजय मेहरकुले ने अपनी टीम मौके पर भेजकर बछड़े को पानी पिलाया, जबकि मंथन सरभाऊ, निक्की विश्वकर्मा, मयूर हेनकुले, सागर चरडे ने विशेष प्रयास किये.अब तक बार-बार हाथ-पैर टूटने, जान-माल की हानि और पशुओं के घायल होने की घटनाओं के बावजूद यह देखा गया है कि स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई उपाय नहीं किया गया है। ऐसा लगता है कि जानवरों के मालिकों को जानवरों और मानव जीवन की बिल्कुल भी परवाह नहीं है। आवारा पशुओं के मालिकों को आर्थिक दंड देने संबधी मुनादी देकर चेतावणी दी जाये बाद में सभी आवारा मवेशियों को गोशाला भेजने के संबंध में चर्चा की गयी. इस मौके पर रामटेक तहसील समतादूत राजेश राठौड़, जीलापरिषद सदस्य सतीश डोंगरे,वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोक मेहर,पूर्व सरपंच योगिता गायकवाड़,कृपासागर भोवते, संतोष हटवार, दुर्गा लोंढे,महिला समुपदेशक दीपा चव्हाण,पूर्व सरपंच महेंद्र दिवटे,शुभा थुलकर आदि मौजूद थे. इस मौके पर मांग की गई कि लापरवाही से जानवरों को खुला छोड़ने वाले मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.