ज्ञान -विज्ञान, कला-साहित्य, धर्म-दर्शन एवं इतिहास-संस्कृति की विरासत जो हमारे देश में है, उस विरासत को हमारे युवा संरक्षित तथा संवर्धित करें, इस उदेश्य के साथ कोंढाली क्षेत्र में ज्येष्ठतम् राजनीतिज्ञ स्व गोविंद सिंह व्यास द्वारा शिक्षा-दीक्षा को बढावा दिया। स्व गोविंद सिंह व्यास- कृषी, खेल, पर्यावरण, सहकारीता के साथ साथ शिक्षा- दिक्षा के लिये समर्पित जन नेता के रूप में जाने जाते थे। उनका उद्देश्य सदैव ग्रामिण आदिवासी बहूल क्षेत्र में उच्च शिक्षा, उच्च ज्ञान की प्राप्ति और नवीन ज्ञान खोज के साथ क्षेत्र के बहुमुखी विकास के लिये ग्रामीण आंचल के युवकों में विस्तृत दृष्टिकोण के विकास के लिये उच्च शिक्षा ही एकमात्र उद्देश्य स्व गोविंद सिंह व्यास रखते थे। यह जानकारी काटोल पंचायत समिति तथा काटोल कृषी उपज मंडी के पुर्व उपाध्यक्ष नीलकंठराव ढोरे ने आर बी व्यास महाविद्यालय के छात्र- छात्राओं छात्रों के अभिभावक तथा उपस्थित गणमान्य नागरिकों तथा महाविद्यालय के प्राचार्य-प्राध्यापक तथा शिक्षकेत्तर स्टाफ के समक्ष 05 अगस्त को सुबह 10 बजे राजेंद्र सिंह उर्फ बाबा व्यास कला वाणिज्य महाविद्यालय के सभागृह में स्व गोविंद सिंह व्यास के 18 वे पुण्य सम्मरण पर आयोजीत कार्यक्रम पर जानकारी दी।
कार्यक्रम के अध्यक्ष संस्थाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह व्यास ने अपने मार्ग दर्शन में उच्य शिक्षा का मतलब क्या होता है, उच्च स्तरीय शिक्षा, उच्च शिक्षा की समस्या समझाते हुये बताया की इन सब समस्याओं को पार कर छात्रों ने अपनी मंजील हासील करने में सफल होने के लिये स्पर्धात्मक पक्षरीओं के तयारी को महत्व देने की मनसा व्यक्त की। इस अवसर पर प्रमुख अतिथी प्राचार्य गणेशराव सेंम्बेकर ने बताया की उच्च शिक्षा दिक्षा को सफल बनाने के लिए आर्थिक संसाधनों के संकट से उभारने के लिये तथा शिक्षा को लोकव्यापी बनाना है तो केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा शीक्षानिती को आवश्यकता नुरूप वित्तीय सहयोग देने का बजट बनाये जाने की मांग की। इस अवसर पर कोंढाली के सरपंच केशवराव धुर्वे, पुर्व प्राचार्या नंदाताई तातोडे, उप सरपंच स्वप्निल व्यास, डी आर पांडे,आदी द्वारा भी मार्गदर्शन किये गये। प्राचार्य डाॅ राजू खरडे, द्वारा कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी गयी। डाॅ प्रा . हरिदास लाडके, डाॅ प्रा. महेंद्र सिंह राठोड, डाॅ .प्रा गोपीचंद कठाणे,डाॅ प्रा राजू अंबाडकर, डाॅ प्रा लोमेश्वर लाडके, डाॅ प्रा प्रज्ञासा उपाध्याय, डाॅ भोसे, विजय सिंह परमार तथा सभी शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की इस अवसर पर उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचलन डॉ लोमेश्वर घागरे तथा आभार डॉ गोपीचंद कठाणे द्वारा किया गया।