रामटेक लोकसभा क्षेत्र सांसद कृपाल तुमाने ने छावनी बोर्ड के चुनाव के चुनाव अकारण लंबे और अनिश्चित कालीन स्थगन पर प्रश्न उठाते हुए रक्षामंत्री से कहा कि देश के 62 छावनी बोर्ड भंग हैं और सभी 62 छावनी परिषद के चुनाव जल्द से जल्द करवाई जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि छावनी क्षेत्र न केवल राजनीतिक नागरिक अधिकारों से वंचित है, बल्कि जनता की समस्याओं के लोकतांत्रिक एवं वैधानिक माध्यमों से समाधान की समूची संविधान प्रदत्त प्रक्रिया ही बाधित है। इससे नागरिकों में असंतोष बना हुआ है। कामठी कैंटोनमेंट नागरिक मंडल के अध्यक्ष प्रमेंद्र वाही, सचिव मोंटू भूटानी, मार्गदर्शक जयप्रकाश (बबलू) तिवारी के अनुसार उपरोक्त प्रश्न पर रक्षा मंत्रालय रक्षा विभाग ने अपने जवाब में कहा है कि, छावनी परिषदों के चुनाव सरकार छावनी अधिनियम 2006 में प्रस्तावित संशोधन के बाद कर सकती है। ज्ञात हो कि, कैंटोनमेंट एक्ट 2020 इस लोकसभा सत्र में पारित करने हेतु एजेंडा में विषय क्रमांक 10 में शामिल है। जिसमें उपाध्यक्ष का प्रत्यक्ष चुनाव, सिविल एरिया समिति का सशक्तिकरण जैसे आदि विषय हैं। यदि कैंटोनमेंट एक्ट 2020 लोकसभा में पारित हो जाता है तो भविष्य में देश की सभी छावनी परिषद में जल्द चुनाव हो सकते हैं और उपाध्यक्ष चुनाव सीधा जनता से किया जा सकता है। साथ ही छावनी के सिविल क्षेत्र को नगर पालिकाओं के साथ शामिल करने के लिए भी राज्य सरकारों से विचार विमर्श चल रहा है। ज्ञात हो देश के 56 छावनी परिषद के मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल भी 10 अगस्त 2022 को खत्म होने जा रहा है। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अपने जवाब में प्रेषित की गई है