भारत की आध्यात्मिक योग व आयुर्वेद परंपरा के महान विद्वान महापुरुष आचार्य बालकृष्ण विश्व स्तर पर आयुर्वेद के पुनरुद्धार प्रचार-प्रसार एवं उसको प्रामाणिकता से स्थापित करने में जुटे हैं। ऐसे आधुनिक युग के धन्वंतरि आचार्य जी का जन्मदिन 4 अगस्त जड़ी-बूटी दिवस के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है। पतंजलि योग समिति ने भी रघुजी नगर के हनुमान मंदिर परिसर में बड़े उत्साह के साथ यह दिवस मनाया। प्रारंभ में सुबह की नियमित योग कक्षा के बाद यज्ञ किया गया। जिसमें ह.भ. प. वाल्मिक आंबेकर एवं लता आंबेकर ने यजमान पद स्वीकारा। जिला महिला प्रभारी उर्मिला जुवारकर ने यज्ञ की सारी व्यवस्था की। छाजूराम शर्मा के पौरोहित्य की पूर्णाहुति की गई। ज्येष्ठ योग शिक्षक नामदेव फटिंग ने जड़ी बूटी के पौधों की पहचान कर उनके औषधीय उपयोग बताकर उनका वितरण किया गया। उनमें घृतकुमारी, गिलोय, अश्वगंधा, आंवला, लाजवंती, पारिजात, निर्गुंडी, शतावर, पत्थरचट्टा, भूमि आंवला का समावेश था। कार्यक्रम का संचालन गुलाब उमाठे और आभार प्रभाकर सावलकर ने माना। कार्यक्रम के सफलतार्थ पद्माकर आगरकर, श्रीराम दुरगकर, पूर्व नगर सेविका मालती मामीडवार, अरविंद गुंटेवार, महादेव बोराडे ने श्रम किए। इस अवसर पर साधना धाबेकर , भीमराव पाटिल, माया सोनवानी, गौतम सोमकुंवर, पद्माकर बाविस्कर, कल्पना घाडगे, शालिनी चिल्लाने, सुरेश धमनकर, संध्या मिसार, वीणा विंचुरकर,मोरेश्वर मेंघरे आदि उपस्थित थे।