25 फरवरी 2014 को कन्हान नदी में नए पुल का भुमिपूजन होने के बाद से लेकर वर्तमान में 9 वां साल शुरू होने के बाद भी कन्हान पुल का नागरिकों के लिए ना खुल पाना जहां राजनितीक विषमता को दर्शाता हैं, वहीं पर कन्हान पुल को लेकर कांग्रेस के बाद अब भाजपा ने कन्हान पुल से यातायात शुरू करने को लेकर भाजपा ने अब फ्रंट का मोर्चा संभाल लिया हैं। कन्हान नदी पर बन रहा पुल निर्माण प्रक्रिया के 9वें साल में प्रवेश किया हैं.इस पुल निर्माण प्रक्रिया को लेकर जिला परिषद अध्यक्ष रश्मी बर्वे सहित तत्कालिन पशुसंर्वधन विकास मंत्री सुनील केदार के द्वारा 26 जून 2022 को कन्हान पुल से यातायात शुरू करने को लेकर की गई घोषना के बाद राज्य में हुए राजनितीक घटनाक्रम के कारण 26 जुन की तिथी पर पुल का उद्वघाटन नहीं हो पाया था। जबकि राष्ट्रीय महामार्ग विकास प्राधिकरण के सुत्रों के अनुसार कन्हान पुल उद्वघाटन को लेकर 10 जुलाई की तिथी बताई गई, परंतु राजनिती का केंद्र बन चुके कन्हान पुल को लेकर 10 जुलाई को भी कुछ नहीं हो पाया हैं। अब कन्हान पुल को लेकर भाजपा अनुजाती जिला महामंत्री रिंकेश चवरे के द्वारा नगरसेवक राजेंद्र शेंद्रे एवं भाजपा तालुका प्रचार प्रसिद्वी प्रमुख शैलेश शेंडकी के साथ एक शिष्टमंडल पूर्व उर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से मिलकर एक ज्ञापन सौंप कर कन्हान पुल से यातायात शुरू करने की मांग की, इस पर बावनकुले के द्वारा ज्ञापन का संज्ञान लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा हैं, तथा नितिन गडकरी से सहमति एवं तिथी मिलने के बाद कन्हान पुल के उद्वघाटन की नई तिथी मिलने की संभावना हैं। ज्ञात हो की विट्रिस शासन काल में बनाया गया कन्हान का पुल जो की लगभग 150 साल की आयु पूर्ण कर चुका हैं। जबकि इस पुल की आयु 1974 में ही पूरी हो चुकी थी,इसी कारण इस पुल को लेकर स्थानीय नागरिकों सहित तत्कालिन भाजपा नेता शरद डोनेकर के द्वारा कई ज्ञापन एवं धरणा प्रदर्शन किया गया था। जबकि इस पुल को लेकर पूर्व सांसद प्रकाश जाधव के द्वारा भी अपने कार्यकाल के दौरान प्रशासनिक खानापुर्ती की गई थी, जबकि कन्हान नदी में नए पुल का भूमिपूजन कांग्रेस के रामटेक सांसद मुकुल वासनिक की प्रमुख उपस्थिती में तत्कालिन केंद्रीय मंत्री आस्कर फार्नडिस के हस्तें 25 फरवरी 2014 को किया गया था।