नगर परिषद भंडारा के कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी चंद्रशेखर सुदामे की 2007 में मृत्यु हो गई। आजीविका का कोई अन्य साधन नहीं होने के कारण, उनकी पत्नी अलका सुदामे ने अनुकंपा के आधार पर नगर परिषद भंडारा में नौकरी के लिए आवेदन किया। पर वह आज तक नौकरी के लिये भटक रही हैं। अलका सुदामे वर्तमान में वाडी में रहती हैं और मजदूरी का काम करती हैं। इस बीच, वह नप भंडारा में कई चक्कर लगाये, अधिकारियों से मिलीं, लेकिन किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया। सांसद सुनील मेंढे और विधायक नरेंद्र भोंडेकर से भी मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया। भंडारा जिला प्रशासन से भी न्याय की गुहार लगाई, लेकिन 15 साल बाद भी न्याय नहीं मिला तो आखीर मनसे के तालुका अध्यक्ष नागपूर अनिल पारखी पदाधिकारियों के साथ वाडी प्रेस समक्ष उपस्थित होकर पीड़ित महिला ने आपबीत सूनाकर न्याय नही मिलने पर अनशन की चेतावणी दी। आखीर मनसे के राज्य महासचिव हेमंत भाऊ गडकरी, जिल्हा अध्यक्ष सतीश भाऊ कोल्हे, मनसे तालुका अध्यक्ष नागपूर अनिल पारखी, भंडारा शहर के अध्यक्ष नितिन खेड़ीकर तालुका विभाग के प्रमुख कृष्णा बावनकुले, मनसे तालुका के आदेश पर आयोजक दीपक ठाकरे, दिनेश भजनकर, नगर सचिव हर्षल भजनकर, मनसे के सूरज भलवी नागपुर, नगर संयोजक पुष्पल मोरे, ओमबाई जनबंधु, छात्र सेना नगर अध्यक्ष रोहन शर्मा के साथ भंडारा न पाहुनचकर मुख्याधिकारी विनोद जाधव को निवेदन प्रस्तुत कर विलंब का कारण व उचित कार्यवाही की तत्परता से मांग की अगर इस पीड़ित महिला को 15 दिन में न्याय नहीं दिया गया तो भंडारा नप समक्ष अनशन आंदोलन किया जाएगा।