आम आदमी पार्टी दो दिन पहले महावितरण और अन्य निजी बिजली कंपनियों द्वारा घोषित बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ आज राज्य भर में आक्रामक रूप से सड़कों पर उतर आई। घरेलू बिजली उपभोक्ता अब इस महीने से औसतन 20 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि से प्रभावित होंगे। लॉकडाउन की अवधि में बिजली बिल लंबित रहने, पेट्रोल और गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने से पहले से ही महंगाई का सामना कर रहे आम आदमी के लिए यह बड़ा झटका है। इसलिए, आम आदमी पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पर स्थानीय कलेक्टर/तहसीलदार को तत्काल वृद्धि को वापस लेने की मांग करते हुए एक ज्ञापन दिया गया था।महावितरण द्वारा लॉकडाउन अवधि के दौरान 1 अप्रैल, 2020 से बिजली की दरों में 20% की वृद्धि की गई थी। इसलिए पूरे देश में राज्य में महंगी बिजली है। हालांकि अब नई सरकार के आने से इस महीने से दर में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है।
शिवसेना ने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की जनता से वादा किया था कि अगर हमारी सरकार आती है तो हम 300 यूनिट तक घरेलू उपयोग के लिए 30% सस्ती बिजली देंगे।
साथ ही भाजपा द्वारा विभिन्न राज्यों के चुनावी घोषणा पत्र में 100 से 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है। इतना ही नहीं, बल्कि जब महा विकास अघाड़ी की सरकार सत्ता में थी। पिछले दो सालों में बिजली दरों में बढ़ोतरी और मुफ्त बिजली में कटौती के विरोध में बीजेपी और देवेंद्र फडणवीस खुद कई बार सड़कों पर उतर चुके हैं। अब जब वादा करने वाले शिवसेना नेता और बिजली दरों में कटौती की मांग कर रही बीजेपी सत्ता में आ गई है, तो उनके पास अब जनता को राहत देने का मौका है। आप न केवल इस वृद्धि को वापस लेते हैं, बल्कि अब यह दिखाता है कि आप इस 30 प्रतिशत की छूट देकर एक सच्चे शिवसैनिक हैं। आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष रंगा राचुरे ने मुख्यमंत्री से ऐसी अपील की है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले आठ वर्षों से 200 यूनिट बिजली मुक्त कर दी है और इसका अत्यधिक उपयोग किया है।
यहां तक कि जिन लोगों को सबसे कम दरों पर बिजली की आपूर्ति मिल रही है, वे अभी भी दिल्ली सरकार के बिजली विभाग से लाभ कमा रहे हैं।
इसी तरह पंजाब में नवगठित आप की भगवंत मान सरकार ने भी दिया है। इसने 1 जुलाई से अब तक 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान की है।
हमारे राज्य में 2.50 से 3.00 रुपये प्रति यूनिट की दर से उत्पादित बिजली 12 से 18 रुपये प्रति यूनिट की दर से चार्ज करके जनता को लूट रही है। आम आदमी पार्टी इस उगाही को रोकने के लिए इस मुद्दे को उठाकर पिछले दो साल से लगातार प्रदेश में आंदोलन कर रही है। आज के बयान में, ‘राज्य को 1 जुलाई, 2022 से बिजली टैरिफ में 10 से 20% अधिभार को तुरंत वापस लेना चाहिए। वीज कंपनीके कॅग / CAG ऑडीट
आम आदमी पार्टी ने आज मांग की कि दिल्ली और पंजाब सरकार की तरह राज्य के लोगों को कम से कम 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जानी चाहिए। लोगों के मन में भी बिजली बिल को लेकर विकास के अहम मोर्चे पर गुस्सा था अब लगता है कि आम आदमी इस मुद्दे पर नई सरकार को घेरेगा। आजच्या आंदोलनात आप चे डॉ केशव बांते ( विदर्भ सहसचिव) स्वप्निल भोंगाड़े ( जिल्हा संयोजक) राजेश धुर्वे जिल्हा संघटनमंत्री, अनंत कावले ( जिल्हा कोषाध्यक्ष) शीतल धुर्वे (महिला जिल्हा संयोजक), पुर्वा भाकरे ( जिल्हा महिला सचिव) स्वाति राउत ( महिला शहर संयोजक) पुनीत गिरिधर , अनूप तुरसकर, हर्षल वंजारी, दिलीप निखाडे , पवन घन ( शहर सहसंयोजक ) अरविंद शेंडे ( तालुका संयोजक) काटेखाये, सचिन राउत, भूपेश गनवीर, राहुल ईश्वरकर तसेच आम आदमी पक्ष कई कार्यकर्ता इसमें शामिल हो गए थे।