शहर के केशव लाँज में शारीरिक संबंध बनाते हुये युवक की आकस्मिक मौतसे जहा जनमानस स्तब्ध है। वही शहर के दर्जनो लाँज में चल रहे अनैतिक देहव्यवसाय की परत दर परत खुल नये नये राज उजागर हो रहे है। जो इस घीनौने व्यवसाय का असली सच बया करता है। शहर के रिहायशी इलाको के गली कुचो के साथ साथ खेत खलीयान तथा मुख्य रास्तेपर घडल्लेसे खुलते लाँज सारे नियमोको धाता बताकर लाँज की आड में संचालक देहव्यवसाय को बढावा देकर शहरकी आबोहवा और संस्कृती के साथ खुलेआम खीलवाड कर रोजाना लाखोकी माया काट रहे है। इस घीनौने व्यवसाय में शहर के कुछ स्वयंभू समाजसेवीयोकी लिप्तता के साथ ही स्थानिक अधिकारी तथा संबंधित अधिकारीयोपर धौस जमाने हेतू छुटभैयो के साथ साथ कुछ लाँज संचालक क्षेत्र के कद्दावर नेता विधायको के बडे बडे बोर्ड लाँज के प्रवेश व्दारपर लगाकर उनकी छबी भी जनसामान्य में बिघाडने से तक नही चुकते।शहर के लाँज क्षेत्रमे रहने वाले लोगो की माने तो सुबह पाच बजेसे शहरके लाँजो में शालेय तथा विद्यालयीन छात्र छात्राओका ताता लगा रहता है। तो वही शहरके हर लाँजमे देहव्यवसायमे लिप्त चार छे युवतीया, महिला यहा तक की नाबालीक लडकीयाँ उपस्थित रहने की तथा लडकी पसंद करो और कमरे में जाओ का खेल धडल्ले से जारी होने की जानकारी निकलकर सामने आ रही है। लाँज परिसर में रहनेवालो ने अपना नाम आगे ना आनेकी शर्तपर बताया की सटवामाता क्षेत्र के केशव, सुर्या, संकेत आदी लाँजो के साथ साथ अन्य लाँजो ने खुपीयाँ रास्ते तथा ऐसे छिपे कमरे है जहा अचानक हुयी कार्रवाई के दौरान इन्हे छिपाया या बाहर निकाला जता है। तो वही लाँज संचालक, मँनेजर तथा दलालोके पास इस घीनौना व्यवसायमे लिप्त आस पडोसके गाव शहरोके साथ साथ मध्यप्रदेशकी अनेक युवतीयो फोटो और कँटलाँग उपलब्ध होते है। जो पसंद हो वो बाला पलमें उपलब्ध हो जाती है।लाँज के इस घीनौने व्यवसाय का यह एक सच बाहर निकलकर आरहा है की कुछ वर्ष पहलेतक पाच सात रुपयेवाला मंजन तथा पच्चीस तीस रुपयेके आयुर्वेदिक तेल बेचनेवाले देखते देखते करोडपती बन गये। और शहर के साथ साथ अन्य शहरो में भी लाँज संचालीत कर ईस लाँज व्यवसाय के आडमे इस देहव्यवसायसे रोजाना लाखोकी माया जमा कर रहे है। यह बात कीसीसे छीपी नही। शहर के हर लाँजकी बारीसे उचीत जाँच की जाय तो लाँज व्यवसाय के आड में शुरु जिस्मफीरोशी के इस धंदे का काला सच और घीनौना रुप उजागर होते देर नही लगेगी।स्थानिक बस स्टँड क्षेत्र के सटवामाता माता परिसरके रिहायशी व मुख्यमार्ग पर स्थीत ट्युशन क्लासेस, दवाखाने आदीके करिब स्थीत लाँजो की मान्यता रद्द करने की माँग सावनेर तहसीलदार, उपविभागीय अधिकारी, पुलिस प्रशासन, जिलाधिकारी आदीसे क्षेत्र के समाजसेवी तथा नागरिको ने की लेकीन अबतक स्थानिक प्रशासन कोई ठोस कदम उठाने में अबतक तो नाकाम ही सिध्द हुआँ है। समय रहते शहर के लाँज में चल रहे अवैध व्यवसाय पर नकेल ना कसी गयी तो शहर के कई ईलाके बदनाम गलीयो के नाम से पहचाने जाने लगेंगे जीसकी शुरुवात सटवा माता मंदिर परीसर से हो चुकी है। साथ ही क्षेत्र में रहने वाले लोगो को अपने बच्चो के भविष्य का डर सताने लगा है। तथा इस क्षेत्र में चल रहे लाँजो की मान्यता रद्द कर उन्हे बंद करने की मांग उठने लगी है।