काटोल। राजा राजर्षी शाहू महाराज की जयंती, राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले अभ्यासिका पंचशिल बुध्द विहार में हर्षोल्लास से मनाई गई। राजश्री शाहू महाराज ने उनके ज़माने में गांव और ग्रंथालयों के विकास के बारे में विविध योजनाएं अमल में लाई थी। इस आरजेपीए इसी निर्णय के तहत बाद में आए शाशकों द्वारा स्थापित की गई थी। इस अभ्यासीका निःशुल्क अभ्यास का उपक्रम शुरू किया गया है। बड़े पैमाने पर गरीबों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है। उनकी जयंती को सामाजिक न्याय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में प्रो रमेश येल ने अपने अध्यक्षीय भाषण में छात्रों का मार्गदर्शन किया और अध्ययन के समन्वयक प्रो विवेक गायकवाड़ ने भी अपने विचार साझा किए। पंकज उके, प्रशांत शेंडे, अजय बागड़े, नरेश मडके, कुशल गायकवाड़ और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। सभी सम्मानित अतिथियों ने शाहू महाराज का अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन शुद्धोधन गीरडकर ने किया।राजा राजर्षी शाहू महाराज की जयंती, राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले अभ्यासिका पंचशिल बुध्द विहार में हर्षोल्लास से मनाई गई। राजश्री शाहू महाराज ने उनके ज़माने में गांव और ग्रंथालयों के विकास के बारे में विविध योजनाएं अमल में लाई थी। इस आरजेपीए इसी निर्णय के तहत बाद में आए शाशकों द्वारा स्थापित की गई थी। इस अभ्यासीका निःशुल्क अभ्यास का उपक्रम शुरू किया गया है। बड़े पैमाने पर गरीबों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है। उनकी जयंती को सामाजिक न्याय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में प्रो रमेश येल ने अपने अध्यक्षीय भाषण में छात्रों का मार्गदर्शन किया और अध्ययन के समन्वयक प्रो विवेक गायकवाड़ ने भी अपने विचार साझा किए। पंकज उके, प्रशांत शेंडे, अजय बागड़े, नरेश मडके, कुशल गायकवाड़ और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। सभी सम्मानित अतिथियों ने शाहू महाराज का अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन शुद्धोधन गीरडकर ने किया।