मातोश्री महिला महाविद्यालय हिंगणघाट में करिअर मार्गदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
करिअर का चुनाव करते वक्त अन्य का अनुकरण ना करते हुए खुद की क्षमता पहचान कर आगे बढ़ने से इस स्पर्धे के युग में खुद का अस्तित्व सिद्ध किया जाता है। क्युकी करिअर और आयुष्य मतलब कॉपी पेस्ट और फॉरवर्ड नही। ऐसा प्रतिपादन प्रा सुमित उरकुडकर ने किया। विद्या विकास शिक्षण संस्था हिंगणघाट व्दारे संचालित मातोश्री कला वाणिज्य व विज्ञान महिला महाविद्यालय हिंगणघाट व विद्या विकास कला वाणिज्य व विज्ञान महाविद्यालय समुद्रपूर के संयुक्त विद्यमाने आयोजित करिअर मार्गदर्शन कार्यक्रम वे बोल रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्या विकास शिक्षण संस्था हिंगणघाट के अध्यक्ष पांडुरंग तुलसकर तो अतिथी के तौर पर विद्या विकास कनिष्ठ महाविद्यालय हिंगणघाट के प्राचार्य नितेश रोडे, मातोश्री महिला महाविद्यालय हिंगणघाट प्राचार्य डॉ उमेश तुलसकर, विद्या विकास महाविद्यालय समुद्रपुर के प्राचार्य डॉ किशोरचंद्र रेवतकर, उपप्राचार्य डॉ नयना शिरभाते की उपस्थिती थी।
कार्यक्रम की सुरुवात प्रतिमापूजन तथा दिपप्रज्वलन करके की गई। प्रसंग पर प्राचार्य नितेश रोडे ने सभी को शुभकामनाएं दी। तो डॉ नयना शिरभाते ने जीवन में आगे जाने के लिए प्रेरणा लेते समय योग्य निर्णय लेने की आवश्यकता पर जोर दिया। अध्यक्षीय मनोगत में पांडुरंग तुलसकर ने खुद के अनुभव का उल्लेख करते हुए आयुष्य में संघर्ष का सामना हंसते खेलते कसे करे इस पर विचार रखे। प्रास्तावीक में डॉ उमेश तुळसकर ने अनेक उपक्रम का आयोजन करते हुए दर्जात्मक उपक्रमपर जोर देकर छात्रोंओ के भविष्य को सुरक्षित और सक्षम करने महाविद्यालय का प्रयास हमेशा रहता है। ऐसा प्रतिपादन किया। कार्यक्रम में आभार प्राचार्य डॉ किशोरचंद्र रेवतकर ने माना। संचालन प्रा अभय दांडेकर ने किया। कार्यक्रम सफलतार्थ प्रा सपना जयस्वाल, प्रा मेघश्याम ढाकरे, प्रा डॉ राजविलास कारमोरे, प्रा रमेश निखाडे, प्रा विठ्ठल चंदणखेडे, प्रा स्वाती येवतकर, प्रा किरण वैद्य, प्रा अजय बिरे, प्रा अमित दिक्षित, प्रा मोनिका माऊस्कर, प्रा वैशाली तडस, प्रा फारिष अली, प्रा दिपक वालदे, प्रा जितेंद्र तोमर, प्रा तले, प्रा संगीता लांडगे, प्रा भाग्यश्री साबले, प्रा आशा घाटे, प्रा अंकिता ठाकरे, प्रा प्रणिता आश्टणकर, प्रा योगिता महल्ले, अमीत रेंढे, किरण फुलमाली, शितल कुंभारे, तथा कला वाणिज्य और विज्ञान विभाग के सभी प्राध्यापक प्राध्यापिका शिक्षकेत्तर कर्मचारी वृंद और छात्रों का सहायो मिला।