उनकी उम्र 50 और 46 साल है, लेकिन चेहरे पर आज भी चमक बरकरार है। नाम भी क्षेत्र में अंजाना नहीं है। ये हैं तेजस बहुउद्देश्यीय संस्था के अध्यक्ष व केंद्रीय पुलिस बल सेवानिवृत्त हवलदार चंद्रशेखर गंगइय्या अरगुलेवार और कॉमर्स में स्नातक इंदिरा चंद्रशेखर अरगुलेवार। उनकी मानें तो दूसरों की सेवा से जो खुशी मिलती है, वहीं उनके चेहरे की चमक का राज है। समाज सेवा के जज्बे ने उन्हें देहदान के लिए प्रेरित किया और उन्होंने इसकी घोषणा भी कर दी। ये और लोगों के लिए मिसाल है। मंगलवार को दंपति ने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के शरीर रचना शास्त्र विभाग प्रमुख डॉ. नामदेव कांबली से मिलकर देहदान का प्राथना पत्र सौंपकर बचपन का संकल्प पूरा किया। कादरझंडा शास्त्री चौक के चंद्रशेखर अरगुलेवार रहने वाले 50 वर्षीय केंद्रीय पुलिस दल के हवलदार पद से सेवानिवृत्त हैं। उनके एक बेटी और एक बेटा हैं। बेटी तानिया इंजीनियरिंग कर रही है तो बेटा तेजस बीबीए कर रहा है। चंद्रशेखर अरगुलेवार तेजस बहुउद्देश्यीय संस्था के अध्यक्ष रहते हुए सामाजिक कार्यक्रमों से भी जुड़े हुए हैं। समाज सेवा के कार्यक्रमों में बढ़चढ़कर भाग लेते हैं। वे युवाओं को आर्मी, पैरामिलिट्री फोर्स, पुलिस भर्ती के लिए निःशुल्क ट्रेनिंग भी दे रहे है। साथ ही संत शिरोमणि गाडगे महाराज के आदर्शों पर चलकर गरीब व विकलांग परिवारों की मदत कर रहे है। उन्होंने स्वेच्छा और बच्चों की सहमति से मरणोपरांत शरीर दान करने की घोषणा की है। उनकी 46 वर्षीय पत्नी इंदिरा अरगुलेवार ने भी मरणोपरांत शरीर दान करने की घोषणा की है। अरगुलेवार दंपति ने यह भी घोषणा की है, मरणोपरांत उनके शरीर का अंतिम संस्कार न किया जाए। क्योंकि अंतिम संस्कार करने में कई क्विंटल लकड़ी लगती है इससे वायु प्रदूषण फैलता है। इसी लिए मेरे शरीर का अंतिम संस्कार न किया जाए।
इस मौके पर संस्था के मार्गदर्शक सुनील चोखारे, महेन्द्र भुटानी, राजेश काकड़े, अरुण केदार , उमाकांत मेंढे (बिल्डर), चंद्रशेखर डोमडे, प्रवीण, राऊत, विजय कोंडूलवार, दुर्गा, पाली, रविंद्र कुथे, अरुण खडसे, संस्था उपाध्यक्ष देवीदास पेटारे, सचिव किसन अरगुलेवार , सदस्य नरेश शिंदे, मिस्बाहऊर रहमान, अभय पेटारे, पुत्र तेजस अरगुलेवार, पुत्री तानिया अरगुलेवार, भारती कनोजे सहित अन्य गणमान्य उपस्थिति थे।