2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले की सुनवाई 3 अक्तूबर तक स्थगित

मुंबई. 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले की सुनवाई सोमवार को विशेष एनआईए अदालत ने 3 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है। आरोपी क्रमांक 10 सुधाकर द्विवेदी के आज उपस्थित नहीं होने के कारण आरोपियों के सीआरपीसी 313 के बयान दर्ज नहीं किए जा सके। हालांकि, कोर्ट में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत अन्य छह आरोपी मौजूद थे। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 3 अक्टूबर को दोबारा कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
पूरी तरह से झूठा मामला: साध्वी
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अदालत से बाहर आने के बाद पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और एटीएस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मुझे कांग्रेस सरकार और एटीएस की प्रताड़ना का खामियाजा भुगतना पड़ा। पूरी तरह से झूठा मामला बनाया गया।”
अदालत में देर से पहुंची साध्वी
गौरतलब है कि ठाकुर ने आज अदालत में दोपहर करीब दो बजे पहुंचीं, जबकि मामले के पांच अन्य आरोपी उनसे दो घंटे पहले ही अदालत में पेश हो चुके थे। ठाकुर ने अदालत को बताया कि वह स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रही हैं, जिसके चलते वह सुबह जल्दी नहीं जग पाती हैं। इसके बाद, अदालत ने आरोपी के बयान दर्ज करने के लिए मामले को 3 अक्टूबर के लिए मुल्तवी कर दिया।
भाजपा सांसद के अलावा आरोपियों में कौन
अभियोजन ने 14 सितंबर को अदालत को बताया था कि मामले में साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है और अभियोजन के किसी गवाह से और जिरह करने की जरूरत नहीं रह गई है। साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज किये थे। केवल छह आरोपी- ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी- सोमवार को अदालत में पेश हुए।
सुधर द्विवेदी के खिलाफ 5,000 रुपये का जमानती वारंट जारी
सुधाकर द्विवेदी उपस्थित नहीं थे और उनके वकील ने अदालत में पेश नहीं होने के लिए धार्मिक रस्मों का हवाला दिया तथा पेशी से छूट मांगी। अदालत ने अनुरोध अस्वीकार कर दिया और द्विवेदी के खिलाफ 5,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया।

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