नागपुर। जिला व सत्र के न्यायाधीश आरएस भोसले (पाटिल) के कोर्ट ने इन्वेंस्टमेंट के नाम पर 2,22,71,000 रुपये की धोखाधड़ी के मामले में 1 आरोपी को दोषी करार दिया है, जबकि 5 आरोपियों को सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया गया. दोषी का नाम भरतनगर, पुराणिक लेआउट, अमरावती रोड निवासी अमोल जगन्नाथ ढाके (40) है, जबकि अमोल की पत्नी प्रीति (33), मानकापुर निवासी महेन्द्र संभाजी कोहाड (40), प्रभात नगर निवासी अतुल पवनकुमार दीक्षित (36), गिरीष अपार्टमेंट निवासी संदीप प्रभाकर महाजन (48) और वाठोड़ा निवासी मोहन प्रभाकर जोशी (43) को रिहा किया गया.
अमोल को एमपीआईडी एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए 4 वर्ष का सश्रम कारवास व 50,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई. जुर्माना नहीं भरने पर 4 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
आरबीआई एक्ट के सेक्शन 45-1 (डी), 58बी (4) ए के तहत 3 वर्ष की जेल व 1 लाख का जुर्माना और जुर्माना ना भरने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त कारवास की सजा सुनाई. वहीं, आरबीआई एक्ट के सेक्शन 58 बी (5ए) के तहत दोषी करार देते हुए 1 वर्ष के सश्रम कारावास व 5,000 रुपये का दंड, आर्थिक दंड ना भरने पर 1 महीने का अतिरिक्त कारवास और आईपीसी के सेक्शन 406 के तहत दोषी साबित होने पर 2 वर्ष का सश्रम कारावास, 10,000 रुपये का दंड तथा दंड ना भरने पर 2 महीने का अतिरिक्त जेल की सजा दी. इसी प्रकार सेक्शन 409 में दोषी होने पर 4 वर्ष का सश्रम कारावास, 20000 रुपये का जुर्माना और जुर्माना ना भरने पर 4 महीने के अतिरिक्त जेल की सजा सुनाई.
जानकारी के अनुसार, अमोल और बाकी आरोपियों ने वर्ष 2005 में सात्विक ग्रुप आफ इन्वेस्टमेंट नाम से कंपनी बनाई. उन्होंने लोगों को निवेश पर अधिक ब्याज का लालच किया. लोगों को झांसे में लेने के बाद आरोपियों ने अप्रैल 2014 तक निवेशकों के 2,22,71,000 रुपये डुबा दिये.
निवेशकों में शामिल गणेशपेठ निवासी संजय प्रकाशराव काशीकर (50) की शिकायत पर पुलिस ने अमोल समेत कंपनी के बाकी लोगों पर मामला दर्ज किया. सभी आरोपियों को 3 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. उक्त मामले की जांच तत्कालीन पीआई नलावडे ने की.
अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील एड. जिचकार और बचाव पक्ष की ओर से एड. मारडीकर ने पैरवी की. प्रियंका बोंबर्डे ने कोर्ट की कार्यवाही देखी. जिला व सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एसएस नागुर के कोर्ट ने दूकान में अवैध रूप से बड़ी मात्रा में पटाखे जमा करने के एक मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है.
मामला 2018 का है. दोषी का नाम कामठी निवासी जितिन विजय जायस्वाल (40) है. उसे सीआरपीसी के सेक्शन 235 (2) व आईपीसी 286 के तहत 1000 रुपये का जुर्माना ठोंका गया. जुर्माना नहीं भरने पर 2 महीने की जेल भुगतनी होगी. सीआरपीसी सेक्शन 235 (1) के तहत निर्दोष बरी किया गया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जितिन ने दशहरे और दीवाली के मद्देनगर बिक्री के लिए अपनी दूकान में बड़ी मात्रा में अवैध रूप से पटाखे जमा करके रखे थे. उसके पास इन्हें बेचने का लाइसेंस नहीं था. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने 30 अक्तूबर 2018 को दोपहर 12 बजे छापेमारी कर सारा माल जब्त किया था. जितिन को भी गिरफ्तार किया गया था. मामले की जांच और कोर्ट में चार्जशीट पीआई आरआर पाल ने पेश की. अभियोजन पक्ष की ओर से एड. गादेवार और बचाव पक्ष से एड. चव्हाण ने पैरवी की.
Sunday, November 24, 2024
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