कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय (रामटेक) विगत पच्चीस वर्षों से संस्कृत के साथ साथ पाली-प्राकृत मराठी इत्यादी भाषा-साहित्य के अध्ययन, संशोधन तथा प्रचार प्रसार में कटिबद्ध है। संस्कृत विश्वविद्यालय को आज शिक्षणसेवाओं में पच्चीस वर्ष पुरे हो रहे है इसलिए विश्वविद्यालय रजतमहोत्सव के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रा. मधुसूदन पेन्ना इनकी प्रेरणा तथा मा. संकायप्रमुख प्रा. नंदा पुरी इनके मार्गदर्शन से शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से प्रवेश लेने के लिए पाली, प्राकृत तथा प्रादेशिक मराठी आदि प्रादेशिक भाषा विषय आधारित पदविका (डिप्लोमा), पदवी (ग्रॅजुएशन) व पदव्युत्तर पदवी (पोस्टग्रॅजुएशन) अभ्यासक्रम तैयार हो चुके हैं। इन अभ्यासक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हुई है। संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृत-संस्कृतेतरभाषा-संकाय के अंतर्गत शुरू से ही संस्कृत के साथ पाली आदि भारतीयभाषा-साहित्य को आधार बनाके संशोधन कार्य संपन्न होता रहा हैं। फरवरी 2021 में मातोश्री-छात्रावास लोकार्पण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय में उपस्थित पालकमंत्री नितीन राऊत तथा महाराष्ट्र राज्य के उच्चशिक्षणमंत्री उदय सामंत इन्होने तात्कालिक कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेडी इनके द्वारा “संस्कृत के साथ साथ पाली, प्राकृत तथा प्रादेशिक भारतीय भाषा संवर्धन की दृष्टि से आवश्यक प्रयत्न किये जाये” ऐसा सुझाव दिया था। तदनुसार कुलपति द्वारा दिये दिशा निर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालय के संस्कृत तथा संस्कृतेतरभाषा संकाय के अंतर्गत पाली-प्राकृत भारतीयभाषा विभाग की स्थापना सप्टेंबर 2021 में विश्वविद्यालयने कियी तथा, संबंधित अभ्यासमंडल के अन्तर्गत सत्र 2022-23 से प्रवेश आरंभ करने की दृष्टि से एम.ए. पाली, एम.ए. मराठी, एम. ए. प्राकृत (डिस्टन्स), बी.ए.(विशारद) पाली, बी.ए. (विशारद) प्राकृत, पाली-प्राकृतपदविका (डिस्टन्स), आगम प्राकृत पदविका व प्राकृत संभाषणप्रमाणपत्र यह आठ अभ्यासक्रम तैयार किये गये है। इन अभ्यासक्रम के लिये प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हुई है। संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रादेशिक-मराठी, पाली, प्राकृत इत्यादी विषयों में अभ्यासक्रम प्रवेश सुरु होने से इसका फायदा स्थानिक रामटेक तथा नागपुर के छात्र तथा छात्राओं को तो होने वाला है ही बजाय, विश्वविद्यालय में आज उपलब्ध छात्रावास, भोजनालय इत्यादि मूलभूत सुविधाओं के कारण राज्य व देश विदेश के छात्र तथा छात्राओं को भी होने वाला है। इससे भारतीयभाषावाङमय के अनुसंधान तथा अध्ययन में सुलभता होने वाली है। सदर अभ्यासक्रमात प्रवेश हेतु इच्छुक छात्र [email protected] इस mail id पर संपर्क करे तथा अधिक जानकारी के लिए समय समय पर विश्वविद्यालय वेबसाइट (www.kksu.org) पर विजिट करें।