सरकार द्वारा तय निधि वितरण सूत्र के आधार पर ही सभी जिलों को दी जाएगी. ऐसे में नागपुर या विदर्भ के अन्य जिलों को जिला नियोजन समिति के तहत कम निधि देकर विकास कार्यों को रोकने के आरोप बेबुनियाद हैं. यह बात उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कही. विभागीय आयुक्त कार्यालय में आयोजित डीपीसी की बैठक के बाद कहा कि पिछली सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री ने राज्य के लिये तय निधि वितरण सूत्र से बाहर जाकर कुछ जिलों के हक की निधि छीनकर नागपुर, चंद्रपुर, वर्धा और सिंधुदुर्ग जैसे कुछ चुनिंदा जिलों को दे दी थी. लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते. तय सूत्र के अनुसार ही विकास निधि दी जाएगी. अब किसी के मुंह का निवाला छीनकर दूसरे को नहीं दे सकते हैं.
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर सरकार जिलों को अतिरिक्त फंड के लिए भी तैयार है. नियमानुसार नागपुर जिले को विभिन्न विकास कार्यों के लिए 300 करोड़ की निधि दी जानी चाहिए. लेकिन पिछले वित्त वर्ष में हमने 100 करोड़ रुपये अधिक दिए. यानि नागपुर जिले को कुल 400 करोड़ रुपये की निधि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई. हमने पहले भी कहा कि विकास योजना के लिए सरकार की ओर से कोई अड़ंगा या रुकावट नहीं है.