जिला परिषद का आर्थिक स्रोत बढ़ाने के लिए सरपंच भवन का कायाकल्प करने का निर्णय लिया गया। अत्याधुनिक व्यवस्था से लैस सरपंच भवन का निर्माण करने कंसल्टेंट नियुक्त करने के संबंध में निर्माणकार्य समिति की बैठक में चर्चा की गई।
सरपंच भवन परिसर में गेस्ट हाउस, सभागृह तथा लॉन है। रख-रखाव में लापरवाही तथा सुविधा के अभाव में कोई भी वहां जाना नहीं चाहता। जिला परिषद ने उस संपत्ति को व्यावसायिक उपयोग में किराया त लाकर आय बढ़ाने के लिए सरपंच भवन का चेहरा बदलने का निर्णय लिया है। गेस्ट हाउस में समय अनुसार बदलाव कर आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही भोजनालय की व्यवस्था, सभागृह तथा लॉन को विकसित किया जाएगा। कंसल्टेंट की नियुक्ति कर प्रारूप तैयार करने का फैसला किया गया।पांच साल पहले लॉन के निर्माणकार्य पर 25 लाख रुपए खर्च किए गए। उबड़-खाबड़ जमीन को समतल किया गया। स्टेज, कम्पाउंड वॉल, कमरों का निर्माण किया गया। उसी समय टेंडर निकालकर एजेंसी नियुक्त करने अथवा बीओटी पर संचालन की जिम्मेदारी के दावे किए गए। उसे प्रत्यक्ष अमलीजामा नहीं पहनाए जाने से जिला परिषद का आर्थिक नुकसान हुआ। भविष्य में एजेंसी नियुक्त होने तक राजस्व का नुकसान टालने के लिए निर्माणकार्य समिति ने अपने स्तर पर किराए से देने का निर्णय लिया।सरपंच भवन का लॉन और सभागृह का किराया तय किया जाएगा। इससे पहले टेंडर निकालकर ठेकेदार नियुक्त करने का तय हुआ था, लेकिन प्रत्यक्ष अमल नहीं हो पाया। अब जिला परिषद ने किराया तय कर खुद चलाने का निर्णय लिया है। निर्माणकार्य समिति की बैठक में जल्द ही किराया तय करने के विभाग को निर्देश दिए गए।