ज्वाईंट ऍशन कमेटी ने सोमवार दि. ८ फेब्रुवारी को एक महत्वपूर्ण बुलाई गई। जिसमें समाज के हित के महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा कि गई। भारत सरकार के नए बजट में जो ट्रांसपोर्ट व ट्रक इंडस्ट्रीज के संदर्भ में वह पुर्ण रूप से एक तरफा निर्णय लिया गया है। जो एक प्रकार से नए भ्रष्टाचार को जन्म दे सकता है।जैसा कि किसी गाड़ी का रास्ते में ई बे बिल समय के अभाव से खत्म हो गया है। जो कि ड्राइवर को मालूम नहीं होता अगर उस समय गाड़ी पकड़ी जाती हैं तो उसमें उसके माल के अनुसार 100 गुना ज्यादा का जुर्माना लगाया जाता हैं लेकिन अगर किसी भी हाइवे पर या परिवहन चेक पोस्ट RTO के माध्यम से गाड़ी को अवैध रूप से वसूली लेने के लिए कई घंटे तक रोका जाता है जिससे गाड़ी का काफी समय का नुकसान होता है।
जिसकी जबाबदारी उन प्रशासनिक अधिकारियों की होती हैं लेकिन आज तक सरकार ने इस तरह के कारण में कभी किसी प्रकार का कोई भी ध्यान नहीं दे रही हैं। इस तरह के वारदात करने वाले अधिकारियों के ऊपर ज्यादा से ज्यादा जुर्माना व सजा का प्रावधान भारत सरकार बनाये जिससे सभी प्रकार के आत्मनिर्भर बनाने वाले ट्रांसपोर्टर व ट्रक चालक मालिक का रोजगार बचा रहे जो सदा सर्वदा राष्ट्र के हित में सेवा करते रहे ऐसी मांग ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने की। आज जिस तरह से परिवहन विभाग में सभी RTO चेक पोस्ट पर एवं सभी हाइवे रोड पर खुलेआम घूम कर अवैध वसूली का काम जारी है। जो केन्द्र सरकार व राज्य सरकार को अच्छी तरह से मालूम है जो कि यही अधिकारी बताते हैं कि यह सब कुछ ऊपर से आदेश दिया गया है। कुछ दिन पहले ही केंद्रीय परिवहन मंत्री ने खुद बोले थे कि RTO चम्बल के डाकुओं से भी ज्यादा के डाकू हैं। हम सरकार से निबेदन करते हैं कि डाकू कि जगह कहा होनी चाहिये सरकार उनको वहा पहुचाये तभी परिवहन माफिया को खत्म करना सम्भव है नही तो आये दिन किसान के तरह सभी जगहों पर धरना प्रदर्शन आंदोलन होने की संभावना बढ़ सकती हैं। इस बैठक के दौरान ज्वाईंट ऍशन कमेटी संस्थापक अध्यक्ष प्रल्हाद अग्रवाल,भाईचारा राजमार्ग परिवहन सेवा संस्थापक अध्यक्ष नरेन्द्र मिश्रा, शिवाजी वाहनचालक संस्थापक अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल,नेहा अग्रवाल, भूपेन्द्र अग्रवाल, अंकुर अग्रवाल,विशाल मेश्राम, सिद्देश नायक, कल्पना लोखंडे, संघर्ष लोखंडे आदी बैठक में प्रामुखतासे उपस्थित थे।