इस गटार पाईप लाईन एव शुद्धीकरण केंद्र के इमारत में आयी दरार को लिपापोती किया है और पाईपलाईन के चेंबर मे दरारे दिख रही थी. इस कारण संजीवनी पर्यावरण सामाजिक संस्था के अध्यक्ष राजेश बेले ने म्हाडा की गटर पाइपलाइन के निकृष्ट दर्जा के निर्माण की जांच की मांग की है. इस पर संज्ञान लेते हुए संरक्षक मंत्री विजय वडेट्टीवार ने एक पत्र में म्हाडा के नागपुर मुख्य अधिकारी को गटर पाइपलाइन के काम की जांच करने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया. चंद्रपुर म्हाडा में गटर ड्रेनेज केंद्र 24 एमएलडी, एसटीपी और एसबीआर विद्युत और यांत्रिक कार्य 8 एमएलपी एसटीपी भवन का निर्माण घटिया गुणवत्ता वाले आरसीसी कंक्रीट और रेत, गिट्टी और सीमेंट का उपयोग कर रहा है। बेले ने मांग की है कि वंâत्राटदार कंपनी ईगल इन्फा इंडिया लिमीटेड के पूरा काम की जांच की जाए और वंâपनी को काली सूची में डाला जाए क्योंकि इसमे हो रहे भ्रस्टाचार इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है। ईगल इन्फ्रा इंडिया लिमिटेड के मालिक द्वारा देना बैंक से ऋण चुकाने की क्षमता दिखाने वाला एक प्रमाण पत्र (सालवंशी) भी संलग्न है। चूंकि यह प्रमाणपत्र नियमों के अनुरूप नहीं है, इसलिए इसकी उच्चतम स्तर पर जांच किए जाने की जरूरत है। ईगल इन्ंफा इंडिया लिमिटेड कंपनी द्वारा संलग्न सभी दस्तावेजों की जांच करने के साथ ही गटर पाइपलाइन और शुद्धिकरण केंद्र के निर्माण की उच्च स्तरीय जांच की मांग राजेश बेले ने मुख्यमंत्री और अभिभावक मंत्री से की है. इस पर संज्ञान लेते हुए संरक्षक मंत्री विजय वडेट्टीवार ने म्हाडा नागपुर के मुख्य अधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिये है