शिवसेना नेत संजय राउत ने बीजेपी नेता किरीट सोमैया पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. संजय राउत ने कहा कि साल 2013-14 में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत का प्रतीक भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस विक्रांत की जब सेवा खत्म हो रही थी और उसे ‘वॉर म्यूजियम’ बनाने की मांग की जा रही थी. तब भारत सरकार ने कहा था इसके लिए 200 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी.
ऐसे वक्त में आईएनएस विक्रांत को स्क्रैप में जाने से बचाने के लिए किरीट सोमैया ने ‘सेव विक्रांत’ मुहिम चलाई थी और मुंबई में एयरपोर्ट से लेकर अलग-अलग रेलवे स्टेशनों चर्च गेट, नेवी नगर आदि से चंदा जमा किया था. इस तरह से सोमैया ने 57 करोड़ से अधिक का चंदा जमा कर लिया था. किरीट सोमैया ने कहा था कि वो राज्यपाल के खाते में सारा पैसा जमा करेंगे, लेकिन उन्होंने पैसा राज भवन में जमा नहीं किया. सोमैया ने ये पैसे अपने चुनाव लड़ने में लगाए और अपने बेटे नील किरीट सोमैया की कंपनी में लगाए. यह घोटाला सिर्फ घोटाला भर नहीं है बल्कि एक राजद्रोह है. राउत ने कहा कि हमें राजभवन से सूचना मिली है कि इतनी राशि राजभवन को नहीं सौंपी गई है. पैसा कहां गया ?संजय राउत ने आगे कहा, यह बात तब पता चली जब आरटीआई एक्टिविस्ट देवेंद्र उपाध्याय ने राजभवन से इसकी जानकारी मांगी. लेकिन, राजभवन से जवाब आया कि ऐसी कोई भी राशि हमारे पास जमा नहीं की गई है. मेरी केन्द्र सरकार से अपील है कि वे इसकी सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग से जांच करवाएं. यह राष्ट्रीय सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान से जुड़ा मामला है राष्ट्रद्रोह से जुड़ा मामला है.