नई दिल्ली. असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराना सीमा विवाद सुलझ गया है. दोनों राज्यों की सरकारों ने सीमा विवाद को दूर करने के लिए मंगलवार को राजधानी दिल्ली में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए. केंद्रीय गृह मंत्रालय के कार्यालय में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. सीमा विवाद के मुद्दे के सुलझने से माना जा रहा है कि अब दोनों राज्यों के बीच लंबे अरसे से चल रहा विवाद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनके मेघालय समकक्ष कोनराड के संगमा ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान असम और मेघायल के अन्य अधिकारी और गृह मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहे. गृह मंत्रालय द्वारा जांच और विचार के लिए 31 जनवरी को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा गृह मंत्री शाह को इस मामले पर एक मसौदा प्रस्तुत किया गया. वहीं, अब सीमा विवाद को लेकर मसौदा प्रस्तुत करने के दो महीने बाद असम और मेघालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
दोनों राज्यों के बीच 12 क्षेत्रों को लेकर था विवाद
असम और मेघालय के बीच 884 किलोमीटर की सीमा लगती है. ऐसे में दोनों राज्यों की सरकारें सीमा के साथ लगने वाली 12 ‘विवादित क्षेत्रों’ में से छह में सीमा विवादों को हल करने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव लेकर आई थीं. 36.79 वर्ग किमी भूमि के लिए प्रस्तावित सिफारिशों के अनुसार, असम 18.51 वर्ग किमी हिस्से को अपने पास रखेगा और बाकी के 18.28 वर्ग किमी जमीन को मेघालय को दे देगा.