नागपुर। (नामेस)। रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों के साथ 28 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सीताबर्डी थाने में दर्ज किया गया है. आरोपियों ने युवकों को पहले कोलकाता में टीसी की ट्रेनिंग दी. इसके बाद उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र तक थमा दिया. आरोपियों के नाम सीताबर्डी निवासी सुरेन्द्र तेलंग (52) और बंगाल निवासी दिनेश प्रसाद (45) बताया गया है. मामला जून 2019 का है. विजय के पिता सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी है .प्राप्त जानकारी के अनुसार, आराधना नगर निवासी विजय मारोतराव साखरकर (27) पढ़ाई के बाद एक निजी कंपनी में इंजीनियर के रूप में नौकरी करता था। सरकारी नौकरी मिलने की आस में ही उसके पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने सीताबर्डी में समोसे वाली गली में रहने वाले तेलंग के बारे में बताया कि वह युवकों को ट्रेनिंग देकर रेलवे में नौकरी दिलाता है. इसके लिए बड़ी रकम देनी पड़ती है.
झांसे में आकर गंवाये 8.30 लाख
अपने पड़ोसी युवक की बात मानकर विजय ने तेलंग से संपर्क किया. तेलंग ने उसे बताया कि कोलकाता में रहने वाला उसका दोस्त प्रसाद रेलवे में नौकरी दिलाता है. वहां बाकायदा ट्रेनिंग भी दी जाती है. उसकी बात पर विश्वास कर विजय ने तेलंग को 8.30 लाख रुपये दे दिये. उसके साथ अन्य 3 युवकों ने भी रेलवे में नौकरी के नाम पर तेलंग को पैसे दिये. बताया जा रहा है कि इस प्रकार कुल 28 लाख रुपये तेलंग को दिये गये. फिर तेलंग और प्रसाद ने मिलकर धोखाधड़ी शुरू की. उन्होंने विजय समेत चारों युवकों को रेलवे में सिलेक्शन का झांसा दिया और ट्रेनिंग के लिए कोलकाता बुलाया.
कई युवकों को बनाया शिकार
विजय ने पुलिस को बताया कि ट्रेनिंग में उनके अलावा 23 और भी लड़के थे. कुछ महीनों की ट्रेनिंग के बाद आरोपियों ने उन्हें रेलवे में टीसी के पद पर नियुक्ति के लिए अप्वाइंटमेंट लेटर भी दे दिया. जब विजय बताई गई जगह पर पहुंचे तो पता चला कि यह अप्वाइंटमेंट लेटर ही फर्जी है. इसके बाद विजय ने दोबारा तेलंग से संपर्क किया और पुलिस में शिकायत की बात कही. इससे तेलंग डर गया और कुछ दिनों में सारी रकम लौटाने का वादा करके मामला रफादफा करने का झांसा दिया. विजय और बाकी तीनों युवक एक बार फिर उसके झांसे में आ गये. लेकिन ढाई वर्ष के बाद भी रकम ना मिलने पर विजय ने पुलिस में मामला दर्ज कराया. पुलिस जांच जारी है.