कोलकाता। (एजेंसी)। तेलंगाना की केसीआर सरकार के बाद ममता बनर्जी सरकार भी युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे मेडिकल और इंजीनियरिंग छात्रों को पश्चिम बंगाल के कॉलेजों में अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति देने पर सहमत हो गई है। इसके लिए राज्य सरकार राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) को पत्र लिखेगी, ताकि दूसरे वर्ष से छठे वर्ष तक के मेडिकल छात्रों को राज्य के निजी मेडिकल कॉलेजों में अपना एमएमबीएस पाठ्यक्रम पूरा करने की अनुमति मिल सके। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर एनएमसी ने राज्य के अनुरोध को ठुकरा दिया तो वह छात्रों के साथ दिल्ली जाएंगी। ममता बनर्जी ने कहा कि हम नेशनल मेडिकल काउंसिल को एक पत्र लिखेंगे, जिसमें उन छात्रों को अनुमति देने की अनुमति मांगी जाएगी, जो यूक्रेन में मेडिकल कॉलेजों में दूसरे वर्ष और छठे वर्ष के बीच पढ़ रहे थे और उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने और निजी में अपना पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए राज्य में वापस जाना पड़ा था। बताते चलें कि कम से कम 391 छात्र पश्चिम बंगाल लौट आए हैं, जिनमें से 11 मेडिकल इंटर्न हैं। सबसे ज्यादा लौटने वाले छात्रों में मेडिकल के छात्र हैं। केवल कुछ छात्र इंजीनियरिंग स्ट्रीम से हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार मेडिकल इंटर्न को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में काम करने की अनुमति देगी और उन्हें मासिक वजीफा भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई छात्र प्रथम वर्ष में पढ़ना चाहता है तो हम राज्य के मेडिकल कॉलेजों में इसकी सुविधा प्रदान कर सकते हैं। उस स्थिति में छात्रों को एक साल भी नहीं गंवाना पड़ेगा, क्योंकि यूक्रेन में मेडिकल कोर्स छह साल से अधिक का होता है, जबकि भारत में यह पांच साल के लिए होता है।