नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच आज 20वें दिन भी जंग जारी है. दोनों देशों के मध्य छिड़े युद्ध ने यूक्रेन में मानवीय संकट पैदा कर दिया है. लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. उनसे उनका आशियाना छिन चुका है. ऐसे में युद्धग्रस्त देश में फंसे 22 हजार से ज्यादा भारतीयों को ऑपरेशन गंगा के तहत स्वदेश वापस लाया गया है. आज राज्यसभा में भारतीयों को सुरक्षित निकाले जाने के मुद्दों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपना बयान दिया. एस.जयशंकर ने कहा कि गंभीर संघर्ष से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद हमने सुनिश्चित किया कि लगभग 22,500 भारतीय नागरिक सुरक्षित भारत लौट पाएं. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर हमने ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की, जो इस संघर्ष की स्थिति के दौरान चलाए गए सबसे कठिन अभियानों में से एक था.’ विदेश मंत्री ने राज्यसभा में बताया, ‘ऑपरेशन गंगा के तहत 90 फ्लाइट्स का संचालन किया गया है. जिनमें से 76 नागरिक उड़ानें थीं और 14 आईएएफ उड़ानें थीं. निकासी उड़ानें रोमानिया, पोलैंड, हंगरी और स्लोवाकिया से थीं. भारतीय वायुसेना ने भी इस अभियान में मदद की. यही नहीं, कई प्राइवेट एयरलाइनों ने भी उत्साहपूर्वक इसमें हिस्सा लिया.’
आधे से ज्यादा छात्र पूर्वी यूक्रेन में फंसे थे
जयशंकर ने कहा, ‘अभियान की समीक्षा प्रधानमंत्री द्वारा स्वयं दैनिक आधार पर की गई. विदेश मंत्रालय में हमने 24/7 आधार पर निकासी कार्यों की निगरानी की. हमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, रक्षा, एनडीआरएफ, आईएएफ, प्राइवेट एयरलाइंस सहित सभी संबंधित मंत्रालयों और संगठनों से पूरा समर्थन मिला.आधे से ज्यादा छात्र पूर्वी यूक्रेन के विश्वविद्यालयों में थे जो क्षेत्र रूस की सीमा से लगा है और अब तक संघर्ष का केंद्र रहा है. यूक्रेन से 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के छात्रों को सुरक्षित निकाला गया है.’