नागपुर।(नामेस)। हंगामे के बीच, 2022-23 के लिए 38,70,81,216 रुपए का जिला परिषद उपकर कोष का बजट पारित हुआ। नागपुर जिला परिषद की अध्यक्षा रश्मि बर्वे ने सोमवार को बजट पारित होने की घोषणा की। वित्तीय समिति की अध्यक्षा भारती पाटिल ने जिला परिषद सभागार में हुई बैठक में बजट पेश किया। बजट पारित होने के तुरंत बाद ही बैठक स्थगित कर दी गई। दो मुख्य बिंदुओं पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। कुछ सदस्यों ने दावा किया कि दूध देने वाली गायों के वितरण में पक्षपात हुआ है, क्योंकि गायों को पशुपालन मंत्री सुनील केदार के करीबी व्यक्तियों को दिया गया है। दरअसल दो सप्ताह पहले केदार ने परियोजना का उद्घाटन किया था। भाजपा सदस्यों ने यहां तक दावा किया कि बार मालिकों को भी इस योजना का लाभ मिल रहा है। एक और मुद्दे पर विरोधी पक्षों के सदस्यों ने हंगामा किया। वह मुद्दा था कृषि क्षेत्र के लिए धन के आवंटन का। विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि धन के आवंटन में कोई औचित्य नहीं है। यहां तक कि वित्त समिति के कुछ सदस्य भी खुश नहीं थे, क्योंकि उनके व्यक्तव्य को न्याय नहीं दिया गया। बर्वे ने बताया कि स्थानीय विकास योजना के तहत सदस्यों को इस वर्ष से प्रत्येक वर्ष 10 लाख रुपए मिलेंगे। पिछले साल धनराशि आवंटित करने में कुछ समस्याएं सामने आईं थीं। उन्होंने सदस्यों से मार्च के अंत तक विकास कार्यों की राशि खर्च करने के लिए दो लाख रुपए के प्रस्ताव को प्रस्तुत करने के लिए कहा। सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने आरोप लगाया कि हंगामा करने वाले विपक्षी सदस्य मुद्दों पर चर्चा में हिस्सा नहीं लेना चाहते थे। दोनों बैठक में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहा।