-पूरे राज्य को झकझोर दिया था मामले ने
-पूरे दो साल बाद आया फैसला, गुरुवार को था उसका स्मृति-दिवस
हिंगणघाट (नामेस)। संपूर्ण महाराष्ट्र को झकझोर देने वाले हिंगनघाट के प्राध्यापिका अंकिता पिसुड्डे हत्याकांड के आरोपी विकेश उर्फ विक्की नगराले को आज हिंगणघाट के जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. बी. भागवत ने उम्र कैद की सजा सुनाई. उसे मृत्यु तक जेल की सजा भुगतनी होगी. वर्धा जिले के हिंगणघाट में प्राध्यापिका अंकिता अरुण पिसुड्डे को भरे चौक पर पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया था. क्रूरता के साथ उसकी हत्या करने वाले नराधम विकेश उर्फ विक्की नगराले का आरोप कल बुधवार को ही साबित हो गया था. अंतिम सुनवाई के समय सरकारी पक्ष को रखते हुए देश के जाने-माने अधिवक्ता उज्जवल निकम ने अनेक सबूत दिए. रौंगटे खड़े कर देने वाले इस मामले में जीवन और मौत से संघर्ष करते हुए 10 फरवरी 2020 नागपुर के एक अस्पताल में अंकिता जिंदगी की जंग हार गई थी. आज उसके स्मृति दिवस पर सजा सुनाकर मानो अदालत ने भी उसे अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर दी. संपूर्ण महाराष्ट्र की नज़र इस फैसले पर लगी हुई थी. इस घटना को आज दो साल पूर्ण हो गए. हिंगणघाट के जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. बी. भागवत ने बुधवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि विकेश का अपराध साबित हो गया है. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों को केंद्र में रख आरोपी की सजा के बारे में दोनों पक्षों के मत जानने के बाद गुरुवार को इस प्रकरण का फैसला घोषित करने की जानकारी विशेष शासकीय अभियोक्ता एड. उज्ज्वल निकम ने दी थी. इसी के अनुसार आज न्यायालय ने दोषी विकेश उर्फ विक्की नरगाले को उम्र कैद की सजा सुनाई. अदालत परिसर में कड़ा पुलिस बंदोबस्त लगाया गया था. मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने 19 दिनों में 426 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था. अदालत ने मामले में 64 सुनवाई लेते हुए 29 गवाहों के प्रत्यक्ष जवाब दर्ज किए गए. संपूर्ण महाराष्ट्र को हिलाकर रख देने वाले हिंगणघाट हत्याकांड में फैसला-सुनाने के दौरान किसी भी प्रकार की अनुचित घटना होने से रोकने के लिए हिंगणघाट के जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायालय परिसर में पुलिस का कड़ा बंदोबस्त किया गया था. बंदोबस्त के लिए हिंगणघाट के उपविभागीय पुलिस अधिकारी, पुलिस निरीक्षक, सहायक पुलिस निरीक्षक, पीएसआई, 80 पुलिस सिपाही, दंगा नियंत्रण पथक तैनात किया गया था.
क्या है घटना?
घटना 3 फरवरी 2020 की सुबह की है. हिंगणघाट के नंदोरी चौक पर सुबह बस से उतरने के बाद पीड़िता हमेशा की तरह अपने महाविद्यालय की ओर जा रही थी. इसी बीच आरोपी विकेश उर्फ विक्की नगराले ने उस पर पेट्रोल डालकर उसे जला दिया था. एकतरफा प्रेम-प्रकरण की परिणति इस रूप में हुई थी. गंभीर अवस्था में पहले उसका इलाज हिंगनघाट में हुआ, मगर हालत गंभीर होने के बाद उसे नागपुर के आॅरेंज सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां सोमवार 10 फरवरी को उसकी मौत हो गई थी.
अंकिता की मौत के बाद राज्य भर में इस घटना का असर पड़ा था और मोर्चे, आंदोलन कर जनता ने घटना की निंदा की थी.
फांसी होने पर ही मिलेगा सुकून : पिता
अंकिता के पिता ने फैसले पर असंतोष जताते हुए कहा कि जब तक आरोपी को फांसी की सजा नहीं हो जाती हमारे दिल को सुकून नहीं मिलेगा.