-नागपुर महानगरपालिका ने किया था आयोजन
-विदर्भ और नागपुर के लोगों की सराहना की थी
नागपुर।(नामेस)। ‘विदर्भ के लोगों की ईमानदारी और महानता देखते ही बनती है। मैं नागपुर को भारतीय संस्कृति की प्राचीन राजधानी मानती हूं। मेरे नागपुर न आने का कारण वहां मेरा एक कार्यक्रम रद्द होना नहीं है। मुझ पर यह आरोप लगाया गया कि मैं यहां इसलिए नहीं आई, क्योंकि मैं नागपुर के लोगों से नाराज थी। यह बात पूरी तरह से तथ्यहीन है। आज हम बिना किसी रोक टोक के संवाद कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि नागपुर जल्द ही आगे फिर कोई कार्यक्रम का आयोजन कर मुझे बुलाएंगे। आप बुलाइए, देखिए मैं तुरंत आती हूं या नहीं.’ इस आशय के विचार भारत रत्न गायिका लता मंगेशकर ने नागपुर और विदर्भ के लोगों प्रति प्रेम का इजहार करते हुए व्यक्त किए थे। 19 नवंबर, 1996 को नागपुर महानगरपालिका द्वारा लता मंगेशकर को सम्मानित किया गया था। उस अवसर पर उन्होंने नागपुर के लोगों से बातचीत करते हुए शहरवासियों की काफी तारीफ की थी। उस सत्कार समारोह में तत्कालीन महापौर कुंदा विजयकर, उपमहापौर शंकर निखारे, नितीन गडकरी, दत्ता मेघे, गुलाबराव गावंडे, पूर्व महापौर अटलबहादुर सिंह आदि मान्यवर उपस्थित थे। शहर के नागरिकों की ओर से उनका सत्कार समारोह सिविल लाइंस स्थित विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में आयोजित किया गया था। इस दौरान पूरे स्टेडियम में भारी तादाद में दर्शकों की मौजूदगी रही। नागरिक समारोह में मौजूद दर्शकों ने लतादीदी को एक गाना गाने के लिए आग्रह किया। उस समय कार्यक्रम में लतादीदी ने कई लोकप्रिय गीत गाए थे। उनके साथ उनके भाई पंडित हृदयनाथ मंगेशकर भी मौजूद थे। लता मंगेशकर को पूर्व महापौर अटल बहादुर सिंह द्वारा नागपुर महानगरपालिका द्वारा सम्मानित करने हेतु एक विशेष पहल की गई थी। उस समय अपने भाषण में लतादीदी ने यह भावना भी व्यक्त की थी कि अटल बहादुर सिंह ने उन्हें नागपुर के लोगों के साथ खुलकर बातचीत करने का मौका दिया था। उस समय अपने भाषण में लतादीदी ने विदर्भ और नागपुर के लोगों की तारीफ की थी। महाभारत में कहीं भी महाराष्ट्र का उल्लेख नहीं है, लेकिन विदर्भ का उल्लेख अक्सर किया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि विदर्भ उस समय एक गौरवशाली और हर दृष्टिकोण से काफी संपन्न राज्य था। जब महाराष्ट्र अस्तित्व में भी नहीं आया था, उससे कई सदियों पहले की इतिहास विदर्भ की रही है। हालांकि कुछ राजनेताओं, विद्वानों, शोधकतार्ओं, आलोचकों ने इस बयान पर विवाद खड़ा कर दिया। लेकिन एक कलाकार के लिए इतना प्यार और इज्जत मिलने से ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है? इसलिए मैं नागपुर को प्राचीन संस्कृति की प्राचीन राजधानी मानती हूं। मुझे इस बात का गर्व है कि विदर्भ आज भी प्राचीन भारतीय संस्कृति के मूल्यों को संजोता है। इस तरह लता दीदी ने नागपुर और विदर्भ के लोगों के प्रति अपने प्यार और स्नेह का इजहार किया।