मुंबई। (एजेंसी)। 2008 मालेगांव ब्लास्ट केस में एक और गवाह कोर्ट में अपने बयान से मुकर गया है. ये इस केस का 17वां गवाह है, जो मालेगांव विस्फोट मामले में गवाही देते समय अपने बयान से पलट गया है. इतना ही नहीं, इस गवाह ने महाराष्ट्र एटीएस पर गंभीर आरोप भी लगाए है. गवाह ने आरोप लगाया कि एटीएस ने उसे बंधक बनाकर तीन-चार दिनों तक रखा और प्रताड़ित करके आरएसएस नेताओं का नाम लेने का दबाव बनाया. इसे पहले 16 गवाह अपने बयान से मुकर चुके हैं. वहीं 15वें गवाह ने तो अपने बयान से पलटते हुए कोर्ट में एटीएस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि एटीएस ने उस पर दबाव था कि वो योगी आदित्यनाथ का नाम इस मामले में ले.
गवाह ने कहा, ‘मुझे पर बनाया गया था दबाव’
गवाह ने कोर्ट में गवाही दी कि एटीएस ने उसका बयान उस वक्त दर्ज किया था, जब वो मामले की जांच कर रहा था, लेकिन बाद में एनआईए ने मामले की जांच की जिम्मेदारी संभाल ली थी. गवाह ने अपनी गवाही के दौरान कोर्ट को बताया कि एटीएस ने उसे तीन-चार दिनों तक बंधक बनाकर रखा और उसके ऊपर दबाव बनाकर आरएसएस नेताओं का नाम लेने को कहा.
मामले में ली गई थी 220 गवाही
इस मामले में 220 लोगों की गवाही ली गई थी, जिनमें से अब तक 17 लोग मुकर चुके हैं. बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह उस वक्त एटीएस के अतिरिक्त आयुक्त थे, जब उन्होंने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की जांच की थी. परमबीर सिंह जबरन वसूली के कई मामलों का अभी सामना कर रहे हैं.
मस्जिद के पास खड़ी बाइक में रखा गया था बम
29 सितंबर 2008 में नासिक के मालेगांव कस्बे में एक मस्जिद के पास खड़ी मोटर साइकिल में रखे बम के फटने पर 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 लोग जख्मी हुए थे. इस घटना में मौजूदा लोकसभा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी का नाम सामने आया था. फिलहाल ये सभी लोग जमानत पर हैं. इन सभी लोगों के खिलाफ यूएपीए और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत केस चल रहा है.