मुंबई। (एजेंसी)। शिवसेना ने केंद्रीय बजट में गांधीनगर में गिफ्ट सिटी को बढ़ावा देने के लिए और मुंबई की अनदेखी करने के लिए केंद्र पर निशाना साधा है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा गया है कि अन्य राज्यों को बढ़ावा देने के लिए मुंबई को ‘अवरुद्ध’ करना एक ‘राष्ट्रीय अपराध’ है। इसने आगे कहा कि उद्योगों और संस्थानों को मुंबई से गुजरात ले जाया जा रहा है और टिप्पणी की कि मुंबई को केंद्रशासित प्रदेश बनाना ही शेष है। शिवसेना के संपादकीय में कहा गया है कि केंद्रीय बजट में गुजरात के गिफ्ट सिटी को दी गई छूट पर किसी को बुरा महसूस करने का कोई कारण नहीं है। लेकिन एक को भरपूर देना और दूसरे से उसका अधिकार छीन लेना न्याय नहीं है। मुंबई के साथ यह अन्याय क्यों केवल? मुंबई-महाराष्ट्र से कई उद्योगों और वित्तीय केंद्रों को गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया है। अब केवल एक ही चीज मुंबई को केंद्रशासित प्रदेश बनाना है। मुंबई और महाराष्ट्र के लिए घोषणाओं की कमी को लेकर केंद्र पर अपना हमला जारी रखते हुए, संपादकीय में कहा गया है कि मुंबई करों के रूप में सालाना 2.25 लाख करोड़ रुपये का योगदान देता है और देश मुंबई की पीठ पर सवार है, लेकिन मुंबई और अन्य शहरों से चीजें ‘छीन’ जाती हैं। सोने में तब्दील किया जा रहा है। सामना में कहा गया है, ‘मुंबई एक अंतरराष्ट्रीय वित्त केंद्र है और देश का औद्योगिक केंद्र है। लेकिन अहमदाबाद-गांधीनगर को मुंबई के बजाय वित्तीय केंद्र बनाना एक राष्ट्रीय अपराध है। मोदी सरकार गांधीनगर में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र को मजबूत करने को महत्व दे रही है। इस साल के बजट में गांधीनगर में अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, मध्यस्थता केंद्र खोलने की घोषणा की गई थी।’ उधर, प्रदेश भाजपा नेताओं ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में की गई आलोचना का जवाब देने से इन्कार कर दिया। गौरतलब है कि बृहन्मुंबई नगर निगम चुनाव नजदीक है, ऐसे में उम्मीद है कि राष्ट्रवादी शिवसेना इस मुद्दे का इस्तेमाल भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ करेगी।