नागपुर।(नामेस)। एसटी कर्मियों की लंबी चलने वाली हड़ताल ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मुसीबत बन रही है. यहां आने जाने के लिए कोई व्यवस्था न होने के कारण निजी बस चालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं. खासकर शाम के समय तो इनका किराया दो गुना तक हो जाता है. सवारी मजबूरी में ज्यादा पैसा देने के लिए मजूबर है. इस मामले में एसटी महामंडल का कहना है कि फिलहाल वह कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है. इसी कारण उसे निजी कंपनी के कर्मचारियों की सहायता लेनी पड़ रही है. उसके पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है. बस मैन पावर की कमी है जिसे आगामी दिनों में पूरा करने की कोशिश की जाएगी. बता दें कि एसटी प्रबंधन ने फिलहाल शहरी क्षेत्र में अपनी बसें चलाना शुरू कर दी है. बीते दो महीनों की बात करें तो 15-16 से शुरू हुआ बसों का सफर अब 75 तक पहुंच गया है. अधिकारियों का भी दावा है कि वह फरवरी तक यह संख्या 100 के पार पहुंचा देंगे. लेकिन यह प्लानिंग सिर्फ शहरी क्षेत्रों के लिए है. ग्रामीण इलाकों के लिए एसटी महामंडल के पास अभी कोई सटीक प्लानिंग नहीं है. जिसका खामियाजा यहां प्रतिदिन कई लोगों को भोगना पड़ रहा है. इसी कमी का लाभ निजी बस संचालक उठाने में लगे हैं. वे लोगों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं. साथ ही कई निजी संचालकों ने तो इन ग्रामीण रूटों पर अतिरिक्त बसें भी लगा दी हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा कमाई की जा सके.