मुंबई: बीएमसी कमिश्नर इकबाल चहल का कहना है कि वैक्सीनेशन काफी कारगर है. उन्होंने बताया कि उनके पास मौजूद डाटा के अनुसार 1900 में से 96 प्रतिशत ऑक्सीजन बेड की जरुरत उन मरीजों को पड़ती है, जिन्होंने वैक्सीन की पहली डोज भी नहीं ली. इस बीच बीएमसी ने तय किया है कि तीसरी लहर में पहली और दूसरी लहर की तरह पॉजिटिविटी रेट के आधार पर पाबंदिया या लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा. इस बार बीएमसी प्रतिबंध लगाने के लिए मरीजों के भर्ती होने की दर और ऑक्सीजन यूजेज को आधार मानेगी. चहल ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि 96 प्रतिशत मरीज जो मुंबई के 186 अस्पतालों के ऑक्सीजन बेड पर भर्ती हुए हैं, उन्होंने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई है. हमने ये भी देखा है कि वैक्सीन लगवाने वाले मरीज आईसीयू तक नहीं पहुंच रहे हैं. हमारे पास अभी 21 लाख वैक्सीन का स्टॉक है. इस समय सबसे बड़ी चुनौती है कि पूरी व्यस्क आबादी का टीकाकरण पूरा कराया जाए. दोनों डोज के बीच 84 दिन का गैप भी इस चुनौती का एक बड़ा कारण है. चहल ने कहा कि बीएमसी ने अब तक एक करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई है. इसमें से 90 लाख लोगों को वैक्सीने की पहली डोज लगाई गई है. चहल ने आगे कहा कि तीसरी लहर में प्रतिबंध तक लगाए जाएंगे जब अस्पतालों और ऑक्सीजन का यूजेज में बढ़ोतरी होगी. कोरोना से हो रही मौतों पर चहल ने कहा कि पिछली 16 दिनों में 19 मौतें हुई हैं, हालात अभी काबू में हैं. मुंबई में अभी एक लाख एक्टिव केस हैं लेकिन रोजाना सिर्फ 10 टन ऑक्सीजन का ही उपयोग किया जा रहा है.