नई दिल्ली. भारत में कोरोना के दो और वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कोवोवैक्स और कोर्बीविकेस को आपात स्थिति के लिए मंजूरी दी है. इसके अलावा एंटीवायरल दवा ‘मोलनुपीराविर’ को भी मंजूरी दी गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है. स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि कॉर्बेवैक्स वैक्सीन भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है. इसे हैदराबाद स्थित फर्म बायोलॉजिकल-ई में बनाया गया है. यह भारत में विकसित हुआ तीसरा टीका है. वहीं, कोवोवैक्स का निर्माण पुणे स्थित फर्म सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया है. सरकार की ओर से सीरम की एक और वैक्सीन ‘कोवोवैक्स’ को मंजूर किए जाने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का शुक्रिया अदा किया है. सीरम इंस्टीट्यूट ने ट्वीट कर कहा, यह एक अत्यधिक प्रभावी वैक्सीन है और कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक बड़ा कदम है. ‘कोवोवैक्स’ ब्रांड नाम के तहत सीरम द्वारा भारत में इस वैक्सीन का निर्माण और विपणन किया गया है. सीईओ अदार पूनावाला की ओर से इस फैसले के बारे में कहा, ‘डीसीजीआई द्वारा ‘कोवोवैक्स’ की स्वीकृति भारत और एलएमआईसी में हमारे वैक्सीनेशन प्रयासों को मजबूत करने को लेकर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. हमें एक अनुकूल सुरक्षा प्रोफाइल प्रदर्शित करने वाले क्लिनिकल डेटा पर आधारित 90 फीसदी से अधिक प्रभावकारिता दर वली प्रोटीन-आधारित कोविड-19 वैक्सीन देने पर गर्व है.’
इन वैक्सीनों को मिल चुकी हैं मंजूरी
भारत में अभी तक कोरोना की आठ वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है. इसमें भारत की स्वदेशी निर्मित वैक्सीन कोविडशील और कोवैक्सीन भी शामिल हैं. इसके अलावा भारत में रूस की स्पुतनिक वी, स्पुतनिक लाइट, अमेरिकी की फाइजर की कोरोना वैक्सीन और जॉनसन एंड जॉनसन को भी आपात स्थिति के लिए अनुमति दी जा चुकी है. इसके अलावा जायडस कैडिला वैक्सीन की खुराक भी लोग ले रहे हैं.