ढाका. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत और बांग्लादेश के बीच दशकों पुरानी नातेदारी, साझा भाषा और संस्कृति पर आधारित ‘विशिष्ट रूप से करीबी’ संबंध का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश को मजबूत अर्थव्यवस्था और अधिक समृद्ध बनाने के लिए भारत उसकी मदद करने को लेकर प्रतिबद्ध है. राष्ट्रपति कोविंद ने बांग्लादेश की अपनी पहली यात्रा के समापन से पहले भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियां की. वह 1971 के मुक्ति संग्राम में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के स्वर्णिम समारोहों में भाग लेने बांग्लादेश के अपने समकक्ष एम.अब्दुल हमीद के आमंत्रण पर देश की तीन दिवसीय यात्रा पर बुधवार को पहुंचे थे. उन्होंने कहा, ‘भारतीयों के दिलों में बांग्लादेश का एक विशेष स्थान है. हमारे दशकों पुरानी नातेदारी, साझा भाषा और संस्कृति पर आधारित विशिष्ट रूप से करीबी संबंध हैं.’ बांग्लादेश के लिए अपने समर्थन को दोहराते हुए कोविंद ने कहा कि भारत ऐसे बांग्लादेश के समर्थन में खड़ा रहेगा जो इस देश के मुक्ति आंदोलन से निकले मूल्यों को आत्मसात करता है. उन्होंने कहा, ‘भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर बांग्लादेश की यात्रा में उसकी मदद करने, अधिक समृद्ध होने के सफर में आपके साथ भागीदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है.’
रमणा काली मंदिर का किया उद्घाटन
राष्ट्रपति कोविंद ने ऐतिहासिक श्री रमणा काली मंदिर का उद्घाटन किया और उसे भारत और बांग्लादेश के लोगों के बीच सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक बंधन का प्रतीक बताया. साल 1971 में पाकिस्तानी सेना ने इस मंदिर को ध्वस्त कर दिया था. अब मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है.
कठोर बलिदानों को भी याद किया
राष्ट्रपति कोविंद ने जुल्म से आजादी पाने के लिए बांग्लादेश के लोगों द्वारा किए कठोर बलिदानों को भी याद किया. उन्होंने कहा, ‘हम विकट बाधाओं के खिलाफ लड़ने में आपके अदम्य साहस को सलाम करते हैं. मुझे विश्वास है कि 1971 में बहे खून और बलिदान से बना रिश्ता भविष्य में भी हमारे देशों को बांधकर रखेगा.’