नई दिल्ली : चुनाव आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए अहम बदलाव का फैसला किया है. इसके तहत स्वैच्छिक आधार पर वोटर आईडी को ‘आधार’ से लिंक करने की इजाजत दी जाएगी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के राइट टु जजमेंट और टेस्ट ऑफ प्रोपोर्शनैलिटी के मद्देनजर ऐसा स्वैच्छिक आधार पर किया जा रहा है. चुनाव आयोग के मुताबिक, उसकी ओर से संचालित पायलट प्रोजेक्ट्स बेहद सकारात्मक अौर सफल रहे हैं और यह चुनाव प्रक्रिया में दोहराव को रोकने का काम करेंगे. एक अन्य प्रस्ताव के अनुसार, 18 वर्ष पूरे करने वाले पहली बार के वोटर, साल में एक बार 1 जनवरी के बजाय अब चार कट ऑफ डेट्स के साथ, साल में चार बार रजिस्टर कर सकेंगे.