नई दिल्ली. दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बैठक खत्म हो गई है. जिसमें केंद्र सरकार और मोर्चे के बीच सहमति बन गई है. केंद्र सरकार के साथ बातचीत के बाद तैयार प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. अब सरकार की तरफ से इसे मानने के लिए अधिकारिक चिट्ठी भेज दी जाएगी तो गुरुवार दोपहर 12 बजे फिर मोर्चे की बैठक बुलाकर किसानों की घर वापसी का ऐलान हो जाएगा. प्रेस कान्फ्रेंस में हरियाणा के किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने कहा कि कल सरकार की तरफ से जो ड्राफ्ट आया था, उस पर हमारी सहमति नहीं बनी थी. हमने उसमें कुछ सुधारों की मांग कर लौटा दिया था. सरकार दो कदम और आगे बढ़ी है. आज जो ड्राफ्ट आया है, उसको लेकर हमारी सहमति बन गई है. अब सरकार उस ड्राफ्ट पर हमें अधिकारिक चिट्ठी भेजे. इसी पर सबकी सहमति है. जैसी चिट्ठी आएगी, उस पर कल बैठक कर फैसला लेंगे. इसके लिए 12 बजे मीटिंग बुला ली गई है. जिसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा. इसी दौरान हरियाणा सरकार ने भी किसानों को मुआवजे के तौर पर 5 लाख की मदद और केस वापस लेने की सहमति दे दी है. केंद्र सरकार ने भी सभी केस वापस लेने पर सहमति दे दी है. केंद्र ने एमएसपी कमेटी में सिर्फ मोर्चे के नेताओं को रखने की बात भी मान ली है. दिल्ली बॉर्डर पर 377 दिन से किसान आंदोलन चल रहा है.
मुआवजा और केस वापसी राज्य सरकार के जिम्मे: टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने जो ड्राफ्ट भेजा था, उसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है. इस ड्राफ्ट के अनुसार मृतकों को 5 लाख का मुआवजा राज्य सरकार देगी.वहीं, राज्य सरकार ही किसानों पर केस वापस लेगी. अब इसे सरकार को वापस भेजा गया है. जैसे ही सरकार अधिकारिक तौर पर इसे जारी कर देगी तो आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया जाएगा.